रात को देर तक जागना किस तरह से है नुकसानदेह

रात को देर तक जागना किस तरह से है नुकसानदेह
रात को देर तक जागना किस तरह से है नुकसानदेह

आजकल रात को देर तक जागना बहुत आम हो गया है। काम के चलते लोग रात में जागना और दिन में सोना पसंद करने लगे हैं। अगर आपको भी देर रात तक जागने की आदत है, तो आप भी सावधान हो जाएं। क्योंकि इसके कारण आपको कई स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। आज हम इस लेख में आपको इसी बात की जानकारी देंगे। रात को देर तक जागना किस तरह नुकसानदायक हो सकता है।

रात को देर तक जागना किस तरह से है नुकसानदेह How is it harmful to stay awake late at night? in hindi

दिमाग नहीं रहता शांत (Mind is not calm)- देर रात तक मोबाइल चलाने से दिमाग शांत नहीं रहता है। इसके कारण आप बहुत ज्यादा किसी चीज को सोचने लगते हैं। दिमाग को सही और गलत में फर्क करने में मुश्किल आने लगती है। आप हमेशा नकारात्मक बातें ही सोचते रहेंगे। जिससे आपको स्ट्रेस होगा, जो सेहत के लिए बिल्कुल भी सही नहीं होता।

आंखों की रोशनी होगी कमजोर (Eyesight will be weak) - देर रात तक जागेंगे तो आप लैपटॉप या मोबाइल चलाएंगे, जिससे आंखें कमजोर होने लगती हैं। इससे आंखों की रोशनी पर सबसे ज्यादा प्रभाव पड़ता है। क्योंकि लोग अक्सर रात में अंधेरे में मोबाइल या लैपटॉप का इस्तेमाल करते हैं। जिससे आंखों में सीधे लाइट पड़ती है और आंखें खराब होने की पूरी पूरी संभावना होती है।

माइग्रेन (Migraine) -रात में देर तक जागने से माइग्रेन की समस्या भी शुरू होने लगती है। नींद पूरी न होने से पूरा प्रेशर दिमाग पर पड़ता है। जिससे लगातार सिर का दुखना शुरू हो जाता है। इससे माइग्रेन होने की संभावना कई गुणा बढ़ जाती हैं।

हार्ट अटैक (Heart Attack) रात में देर तक जागने से हार्ट अटैक की संभावना ज्यादा बढ़ जाती है। इसके पीछे का कारण है कि रात में जब हम सोते हैं तो हमारा हार्ट उसी तरह से काम करने लगता है। हार्ट पूरी तरह से रिलैक्स हो जाता है। लेकिन रात में अगर हम खुद को आराम नहीं देते हैं, तो इससे अटैक होने का खतरा बढ़ जाता है।

इनसोमनिया (Insomnia) - आजकल बहुत से लोगों को नींद न आने की बीमारी होती जा रही है। जिसे हम इनसोमनिया के नाम से जानते हैं। इसका सबसे बड़ा कारण है कि देर रात तक मोबाइल चलाना। शुरुआत में व्यक्ति 1 घंटे के लिए मोबाइल चलाता है। लेकिन धीरे धीरे मोबाइल चलाने का समय बढ़ता चला जाता है। जिससे नींद भगाने की आदत हो जाती है। ये आदत इनसोमनिया को जन्म देती है और नींद का आना बंद हो जाता है।

अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें। स्पोर्ट्सकीड़ा हिंदी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है।

Edited by Shilki
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