हमारे शरीर में लगभग 600 मसल्स (मांसपेशियां) होती हैं। मसल्स का हमारे वज़न में लगभग 1/2 या 1/3 योगदान है। टिशु (ऊतक) की मदद से मसल्स हमारे शरीर को बांधे रखने का और चलते रखने का काम करते हैं। भले ही आप बॉडी बिडलिंग करते हैं या नहीं, लेकिन आपको अपने मसल्स का खास ध्यान रखना ज़रूरी है क्योंकि मांसपेशियों पर ही निर्भर करता है कि आपका शरीर फैलेगा या स्थिरता से बढ़ेगा। आइये अब आपको बताते हैं कि मसल्स आखिर बनते कैसे हैं। मान लीजिये आपको एक लकड़ी के दरवाज़े को खोलना है। ये कार्य करने में आपके मसल्स और आपका दिमाग आपकी मदद करेंगे। दरवाज़ा खोलने के लिए सबसे पहले आपका दिमाग तुरंत ही आपके हाथ को सिग्नल भेजेगा। ये सिग्नल मिलते ही हाथ अपना कार्य शुरू करेंगे जिसके बाद मसल्स फैलेंगे और सिकुडेंगे। इसका असर हाथ की हड्डियों पर पड़ेगा जिसके बाद आप आसानी से अपने हाथ जैसे चाहे मोड़ पाएंगे और दरवाज़ा खोल लेंगे। आपको बता दें कि जितना ज़्यादा शक्तिशाली कार्य होगा, आपका दिमाग उतने ही ज़्यादा सिग्नल भेजेगा। अगर यही दरवाज़ा भारी भरकम लोहे का जाम हो चुका दरवाज़ा होता तो दिमाग को ज़्यादा सिग्नल्स भेजने पड़ते। चूँकि केवल हाथों के मसल्स से दरवाज़ा खोलना मुमकिन ना हो पाता इसलिए दिमाग शरीर के बाकी मसल्स को सिग्नल भेजकर उन्हें भी कार्यरत करता। इसके बाद आप बाकी मसल्स की मदद से दरवाज़ा खोल पाते। लेकिन इसके बाद होने वाले बदलावों को समझना ज़रूरी है। जब आप बाकि मसल्स की मदद से कोई भरी भरकम कार्य करते हैं तो उस समय मसल्स में माइक्रोस्कोपिक नुक्सान होता है जिसमें मसल्स के सैल डैमेज हो जाते हैं, जोकि अच्छा है। इसके बाद यही चोटिल हो चुके सैल खुद को ठीक करने के लिए एक मॉलिक्यूल बनाते हैं जिसे साइटोकाइन कहते हैं। और यही वो पल होता है जब आपके मसल्स बनते हैं। जितना ज़्यादा बड़ा काम होगा, उतने ज़्यादा मसल्स के सैल डैमेज होंगे, और जितने ज़्यादा सैल डैमेज होंगे उतने ही ज़्यादा साइटोकाइन पैदा होंगे और आपके मसल्स बड़े एवं मज़बूत होंगे। चूँकि हमारे शरीर को रोज़मर्रा के कामों की आदत पढ़ जाती है इसलिए मसल्स पर ज़्यादा तनाव नहीं पड़ता। लेकिन जब हम कोई भारी भरकम काम करते हैं तब शुरू होती है मसल्स बनने की प्रक्रिया। हालंकि मसल्स बढ़ने जैसे बदलाव शरीर में उस समय होते हैं जब हम सो रहे होते हैं। जिम में एक्सरसाइज़ के बाद हमारे शरीर की मसल्स टूट जाती हैं, फिर सही मात्रा में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट और फैट मिलने की वजह से मसल्स बढ़ते हैं। ध्यान रहे कि बिना न्यूट्रिशन, हार्मोन्स और आराम के मसल्स बनना मुश्किल है। एक्सरसाइज़ और अच्छी डाइट के बाद जितना ज्यादा आराम मिलेगा, मसल्स उतनी ही जल्दी और अच्छे स बढ़ेंगे। मसल्स उम्र के हिसाब से भी बनते हैं। ज़्यादा उम्र वाले लोगों के मसल्स धीरे बढ़ते हैं। यदि आप नियमति रूप से अच्छी एक्सरसाइज़ कर रहे हैं, अच्छा खा रहे हैं और पूरी नींद ले रहे हैं तो मसल्स बनने की समभावनाएँ बढ़ जाती हैं।