आयुर्वेद के जरिए बड़ी से बड़ी बीमारियों को जड़ से खत्म किया जा सकता है। आयुर्वेद में अर्जुन के पेड़ को काफी महत्व दिया गया है क्योंकि ये अपने औषधीय गुणों के लिए जाना जाता है। इसका लगभग हर एक हिस्सा औषधीय गुणों से भरपूर है। पुराने समय से ही इसकी छाल का चूर्ण, काढ़ा और अरिष्ट कई बीमारियों को दूर करने में उपयोगी है।
अर्जुन के पेड़ के औषधीय गुण Medicinal properties of Arjun tree
अर्जुन के पेड़ के औषधीय गुणों के बारे में बात करें तो ये खासकर उच्च रक्त चार और ह्रदय रोग को दूर करने में विशेष कर उपयोगी है। इसके अलावा, शरीर में कहीं कट जाने पर या छिल जाने पर ये उपयोगी साबित होता है। इसके साथ ही रक्त संबंधी रोग, मोटापा, डायबिटीज, अल्सर, पित्त कम करने में काफी उपयोगी है। अन्य औषधीय गुणों के बारे में बात करें तो ये ह्रदय की मांसपेशियों को बल देने में मदद करता है। इससे हृदय की पोषण-क्रिया अच्छी होती है। मांसपेशियों को बल मिलने से हृदय की धड़कन ठीक और अच्छे से चलती है।
अर्जुन के पेड़ के फायदे Benefits of Arjun tree in Hindi
अर्जुन की छाल में भरपूर मात्रा में टैनिन होता है। इसके अलावा इसमें पोटेशियम, मैग्निशियम और कैल्शियम भी पाया जाता है।
कान दर्द (Arjun Tree Benefits in Ear Pain)
कान दर्द की समस्या में अर्जुन के पत्ते का रस निकाल लें। इसके 2-4 बूंद को जिस कान में दर्द है उसमें डालें। इससे कान दर्द से जल्द आराम मिलेगा।
मुखपाक (Arjuna Tree helps for Stomatitis)
इसके लिए मूल चूर्ण में तिल का तेल (मीठा तेल) मिलाएं और मुंह के अंदर लेप लगाएं। कुछ देर बाद गुनगुने पानी से कुल्ला करें। इससे मुखपाक में काफी लाभ मिलेगा।
हृदय संबंधी विकार (Arjuna Beneficial in cardiovascular disorders)
पेचिश की समस्या में 5 ग्राम अर्जुन छाल चूर्ण को 250 मिली गाय के दूध और लगभग इतना ही पानी मिलाकर इसे पका लें। जब ये आधा हो जाए तो इसमें 10 ग्राम मिश्री या शक्कर मिलाकर नियमित रूप से पीएं। ऐसा करने से हृदय संबंधी विकारों में काफी लाभ मिलेगा।
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