व्यक्ति का जीवन दो दिशाओं में व्याधि और उपाधि में चलता है। कभी-कभी व्यक्ति का मन परेशान होता है तो उसे शांत करने के लिए मेडिटेशन का सहारा लिया जाता है, लेकिन सवाल ये है कि मेडिटेशन कब करना चाहिए। मन में चल रहे विचारों पर काबू पाने के लिए मेडिटेशन का सहारा लिया जा सकता है। जब मन में बहुत सारे सवाल चल रहे होते हैं तो ऐसे में मन की शांति भंग हो जाती है। लेकिन मेडिटेशन करने से मन को शांति मिलती है। मेडिटेशन को आप अलग-अलग तरीके से कर सकते हैं।
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मेडिटेशन कब करना चाहिए-
मेडिटेशन करते वक्त उसका सही समय बहुत जरूरी होता है। इसलिए जब भी आप मेडिटेशन करने बैठे तो सुबह का 4-5 बजे का समय या फिर शाम के 6-7 बजे का समय चुने क्योंकि इस वक़्त चारो तरफ शांति रहती है और हमारा मन भी शांत रहता है।
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मेडिटेशन के प्रकार
डीप मेडिटेशन- जब आपका मन जागरूकता की सतह से सुक्ष्म जागरूकता को होते हुए,बिना किसी जागरूकता की स्तिथि में चला जाएगा।
माइंडफुलनेस मेडिटेशन- आप अपने विचारों पर अपना ध्यान क्रेंद्रित करते है,और उनको Observe करते है।
ॐ शांति मेडिटेशन- आपको अपना ध्यान एक Point Of Light पर केंद्रित करना होता है और धीरे-धीरे अपनी सभी चिंताओं को मस्तिष्क से हटाते जाना होता है।
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मेडिटेशन कैसे करें-
शांत स्थान चुने-मेडिटेशन करते समय शांत जगह पर बैठना जरूरी होता है, इसलिए हमेशा ऐसी जगह का चयन करें, जहां किसी भी तरह को शोर ना हो।
सही समय पर मेडिटेशन करें- वैसे तो मेडिटेशन करने का कोई नियमिच समय नहीं होता, पर अगर भोर और शाम को मेडिटेशन किया जाए, त ध्यान ज्यादा बेहतर लगता है।
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