मेडिटेशन करने का सही तरीका पता चल जाए तो लोगों की बहुत सारी परेशानी खत्म हो सकती है। ध्यान लगाने से व्यक्ति के मन को शांति मिलती है साथ ही शरीर मनसिक और शारीरिक रुप से निरोगी रहता है। मेडिटेशन करने से मन की आवाज सुन सकते हैं। अंतर्मन की आवाज सुनना ही ध्यान लगाना कहा जाता है। व्यक्ति के जीवन में खोना-पाना, सुख-दुख जैसे दौर आते-जाते रहते है। कई लोग इसका बड़ी हिम्मत के साथ सामना करते है। तो कई घबराकर हार मान लेते है।
मेडिटेशन करने का सही तरीका जानने से आप पहले उसके लिए एक शांत स्थान को चुनें। किसी ऐसी जगह पर बैठे जहाॆ प्रकृति और हरे-भरे वृक्षों की भी कल्पना हो सके और वहां ताजी हवा भी हो।
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मेडिटेशन के लिए इन बातों को समझें-
सांसों पर काबू रखना
सांस लेने और धोड़ने का मेडिटेशन से बहुत गहरा रिश्ता है। सही तरीके से मेडिटेशन तभी होता है जब गहरी और लंबी सांसें लीं और छोड़ी जाती है। अगर आपकी सांसों की गति तेज है तो इसका मतलब है कि आप सही तरीके से मेडिटेशन नहीं कर रहे हैं।
मानसिक स्थिति रही रखें
जब भी कोई मेडिटेशन करता है उस समय उसकी मानसिक स्थिति रही रहनी चाहिए। अगर किसी व्यक्ति का मेडिटेशन के समय मन शांत नहीं होगा तो समझ लेना कि आप मेडिटेशन सही तरीके नहीं कर रहे हैं।तनाव में रहकर आप मेडिटेशन नहीं कर सकते। इसलिए मन को शांत रखकर ही मेडिटेशन करें।
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फोकस रखें
मेडिटेशन के लिए सबसे अंत में जरूरी होता है लक्ष्य। लक्ष्य का मतलब है कि मेडिटेशन करते समय आपके दिमाद में क्या चल रहा है। मेडिटेशन करते समय ओम शब्द का उच्चारण करना चाहिए।