मिर्गी (Epilepsy) एक केंद्रीय तंत्रिका तंत्र (neurological) विकार है जिसमें मस्तिष्क की गतिविधि असामान्य हो जाती है, जिससे दौरे या असामान्य व्यवहार, संवेदनाएं और कभी-कभी जागरूकता का नुकसान होता है। कोई भी मिर्गी का शिकार हो सकता है। आपको बता दें कि यह रोग नर्वस सिस्टम (Nervous system) को ही प्रभावित करता है और उसी से जुड़ा हुआ एक रोग है। आमतौर पर मिर्गी से पीड़ित लोगों को इसके दौरे पड़ते हैं जो हल्के भी हो सकते हैं और गंभीर भी। भारत देश में ही ना जाने कितने ही लोग इस रोग से पीड़ित हैं और उन्हें इस रोग के उपचार और घरेलू उपाय के बारे में किसी तरह की जानकारी नहीं है। इस लेख में हम आपको मिर्गी के लक्षण (Symptoms) और घरेलू उपचार (Home remedies) के बारे में बताने जा रहे है।
मिर्गी के दौरे के लक्षण और घरेलू उपचार - Mirgi Ke Daure Ke Lakshan Aur Gharelu Upchar In Hindi
मिर्गी के लक्षण (Symptoms Of Epilepsy)
- मरीज का अर्धमूर्छित होना।
- मुंह से झाग निकलना।
- होठ और चेहरा नीला पड़ जाना।
- कुछ मरीज जीभ को दांतों से चबा लेते हैं।
क्या है इसका कारण
मिरगी के दौरे मुख्यत: दिमागी कमजोरी के कारण आते हैं। यह कमजोरी आनुवंशिक या किसी अन्य कारण से भी हो सकती है। मिर्गी के दौरे पड़ने के कुछ अहम कारण हैं-
- यह रोग सामान्यत: मस्तिष्क की कमजोरी के कारण होता है।
- मस्तिष्क में रक्तस्राव होने या खून का थक्का जम जाने (स्ट्रोक) के कारण भी मिर्गी के दौरे आते हैं।
- मस्तिष्क में संक्रमण होना।
- गर्भावस्था की जटिलताओं की वजह से माता को गर्भावस्था में हुए दिमागी संक्रमण।
- दिमागी बुखार
बरतें सावधानियां
- जिन कारणों से दौरा पड़ने की आशंका रहती है, उनसे खासतौर से बचें।
- मिर्गी रोगी को तैराकी, ड्राइविंग, खतरनाक मशीनों पर काम करने से बचना चाहिए।
- नियमित रूप से और नियमित समय पर दवा का सेवन करें और जब तक डॉक्टर न कहे, उपचार बंद न करें।
- व्रत न रखें, शराब का सेवन न करें, देर रात तक न जागें।
- 7-8 घंटे की नींद जरूर लें।
दौरे की स्थिति में क्या करें
- मिरगी के मरीज को दौरा आता है, जिस दौरान उसके शरीर की गतिविधियां सामान्य नहीं रहतीं। इस दौरान अगर मरीज को सही उपचार ना मिले तो स्थिति चिंताजनक हो सकती है।
- मरीज को जमीन पर या समतल स्थान पर करवट से लिटा दें या उसकी गर्दन एक ओर मोड़ दें, ताकि मुंह में जमा लार और झाग बाहर निकल जाए।
- मरीज के पास से फर्नीचर, तेज, नुकीली या चुभने वाली या धारदार वस्तुएं हटा दें।
- दौरे के तुरंत के बाद दूसरा दौरा शुरू हो जाए तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
- दौरा पड़ने पर मरीज को बदबूदार जूते, सड़े प्याज न सुंघाएं। ये सब भ्रांतियां हैं।
मिर्गी के घरेलू उपचार (Home Remedies For Epilepsy)
मिर्गी का उपचार आप खुद से करने की कोशिश न करें। बेहतर होगा कि आप डॉक्टर से इलाज करवाएं। यदि आपको लगता है कि आप इस बीमारी की चपेट में आ सकते हैं या आपके परिवार में किसी को भी दौरा पड़ता है, तो पीड़ित व्यक्ति के होश में आने के बाद आप ये घरेलू उपचार ट्राई कर सकते हैं। इनसे कोई साइड एफेक्ट भी नहीं होगा।
सफेद प्याज (White onion)
मिर्गी से छुटकारा पाने के लिए रोज सफेद प्याज के रस का 1 चम्मच रोगी को पिलाएं।
शहतूत एवं अंगूर का रस (Grape juice)
हर दिन शहतूत और अंगूर का रस पिलाने से भी लाभ होता है।
तुलसी और सीताफल (Tulsi and sitafal)
जब भी मरीज को मिर्गी का दौरा पड़े, तो उसकी नाक में तुलसी का रस और सेंधा नमक मिलाकर डालें। तुलसी की बजाय आप सीताफल के पत्ते का रस भी डाल सकते हैं।
करौंदा (Karonda)
करौंदे के पत्ते भी बहुत लाभदायक होते हैं। इसकी चटनी बनाकर पीड़ित व्यक्ति को खिलाएं। प्रत्येक दिन खाने से मरीज को जल्दी लाभ होगा।
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें। स्पोर्ट्सकीड़ा हिंदी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है।