मोतियाबिंद आंखों की पुतलियों या दृष्टि पटल के पर्दों पर छाई परान्धता को कहते हैं। यह जैसे-जैसे पकता है, वैसे-वैसे दृष्टि धुंधली होती जाती है। मोतियाबिंद की समस्या में आंखों की काली पुतलियों में सफेद मोती जैसा बिंदु आंखों में उत्पन्न हो जाता है, जिससे व्यक्ति की देखने की क्षमता कम हो जाती है। जानते हैं मोतियाबिंद का देसी इलाज।
मोतियाबिंद का देसी इलाज : Motiyabind Ka Desi Ilaj In Hindi
1 . आंखों की सेहत के लिए सौंफ और धनिया को समान मात्रा में लेकर उसमें भूरी शक्कर मिलाएं। इसे 10-10 ग्राम की मात्रा में सुबह-शाम सेवन करने से लाभ होता है।
2 . मोतियाबिंद की समस्या में 6 बादाम और 7 काली मिर्च को पीसकर पानी मिलाकर छलनी से छान लें। उसमें मिश्री मिलाकर पीने से लाभ होता है।
3 . 10 ग्राम गिलोय के रस में 1-1 टीस्पून सेंधा नमक और शहद मिलाकर बारीक़ पीस लें। इसके बाद इसे काजल की तरह आंखों में लगाएं।
4 . मोतियाबिंद की समस्या में त्रिफला बहुत लाभकारी होता है। ऐसे में त्रिफला को पानी में पीसकर पेस्ट बना लें। फिर इसे आंखों पर रखकर पट्टी बांध दें।
5 . 10 मि.ली. प्याज़ का रस, 10 मि.ली. शहद, 2 ग्राम भीमसेनी कपूर- तीनों को अच्छी तरह मिलाकर बॉटल में भरकर रख लें। रात को सोते समय आंखों में लगाएं। सुबह भी ऐसा करें। इससे मोतियाबिंद में काफ़ी लाभ होता है।
6 . गाजर, पालक और आंवले के रस का सेवन करने से मोतियाबिंद बढ़ता नहीं और दो-तीन महीने में ही कटकर साफ़ हो जाता है।
7 . एक चम्मच पिसा हुआ धनिया एक कप पानी में उबालकर छान लें। ठंडा होने पर आंखों में डालें। इस प्रयोग से मोतियाबिंद ठीक हो जाता है।
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें। स्पोर्ट्सकीड़ा हिंदी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है।