नमक के पानी से कुल्ला करने के फायदे-Namak Ke Pani Se Kulla Karne Ke Fayde

नमक के पानी से कुल्ला करने के फायदे (फोटो-Sportskeeda hindi)
नमक के पानी से कुल्ला करने के फायदे (फोटो-Sportskeeda hindi)

नमक (Salt) का पानी पीना स्वास्थ्य के लिए काफी फायदेमंद माना जाता है। क्योंकि नमक में सल्फर, जिंक, आयोडीन और क्रोमियम जैसे तत्व पाए जाते हैं। जो स्वास्थ्य के लिहाज से काफी लाभदायक साबित होते हैं। लेकिन अगर कोई रोजाना नमक के पानी से कुल्ला (Gargle) करता है तो इसके भी कई फायदे होते हैं। नमक के पानी से कुल्ला करने से सर्दी-जुकाम जैसी बीमारियां ठीक हो जाती है। जानिए नमक के पानी से कुल्ला करने के क्या-क्या फायदे होते हैं।

नमक के पानी से कुल्ला करने के फायदे ( Namak Ke Pani Se Kulla Karne Ke Fayde In Hindi)

गले में खराश की शिकायत होती है ठीक

सर्दी-खांसी की वजह से कई बार गले में खराश और दर्द की शिकायत हो जाती है। लेकिन अगर आप नमक के पानी से कुल्ला करते हैं, तो खराश और दर्द दोनों ही जल्दी ठीक हो जाते हैं।

दांत होते हैं मजबूत

नमक का पानी दांतों के लिए काफी फायदेमंद माना जाता है। अगर किसी के दांतों या मसूड़ों में दर्द की शिकायत हो, तो उसे नमक के पानी से कुल्ला करना चाहिए। नमक के पानी से कुल्ला करने से दांत मजबूत होते हैं।

साइनस में फायदेमंद

अगर किसी को साइनस (Sinus) की शिकायत हो, तो उसे भी नमक के पानी से कुल्ला करना चाहिए। साइनस में नमक का पानी काफी फायदेमंद साबित होता है।

मुंह के छाले होते है ठीक

पेट में गर्मी की वजह से कई बार मुंह में छाले (Mouth Ulcer) की शिकायत हो जाती है। अगर किसी को मुंह में छाले हो गए हैं, तो उसे सुबह-शाम नमक के पानी से कुल्ला करना चाहिए।

टॉन्सिल में फायदेमंद

टॉन्सिल (Tonsil) में बैक्टीरिया और वायरल संक्रमण के कारण सूजन की शिकायत हो जाती है। सूजन की वजह से काफी दर्द होता है। साथ ही खाना खाने में भी काफी परेशानी होती है। लेकिन अगर कोई रोजाना नमक के पानी से कुल्ला करता है, तो उससे सूजन और दर्द दोनों कम होते हैं।

अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें। स्पोर्ट्सकीड़ा हिंदी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है।

Edited by Rakshita Srivastava