कैंसर एक लाइलाज बीमारी है। लेकिन इस बीमारी की शुरुआती स्तर पर पहचान हो जाए तो इसका इलाज संभव हो सकता है। कैंसर अपने चरम स्तर अर्थात आख़िरी स्टेज पर लाइलाज माना जाता है। कैंसर की बीमारी में शरीर की कोशिकाएं अनियंत्रित होकर विभाजित होना शुरू हो जाती हैं। बता दें शरीर में कैंसर कई प्रकार से फैलता है। अग्न्याशय कैंसर (pancreatic cancer) भी एक प्रकार का कैंसर है जो काफ़ी खतरनाक माना जाता है। अग्न्याशय पेट के पास स्थित एक अंग होता है जो भोजन के पाचन के लिए इंसुलिन और ग्लूकागन नामक एंजाइम का निर्माण करता है। जानते हैं अग्न्याशय कैंसर के बारे में।
अग्नाशय कैंसर के लक्षण -
वजन घटाना – जैसे-जैसे व्यक्ति का पाचन एंजाइम काम करना बंद करता है, वैसे-वैसे व्यक्ति का वजन कम (weight loss) होने के साथ भूख में कमी होने लगती है। ऐसे में रोगी कमजोर, पतले और अल्पपोषित दिखने लगते हैं।
सामान्यीकृत कमजोरी – अगर किसी को बिना कारण की थकान होती है, जो विश्राम करने से भी नहीं जाती, वह अग्नाशय कैंसर (cancer) के लक्षणों में से एक हो सकती है।
दर्द – मेटास्टेसिस बेहद दर्दनाक होता है। इसके अलावा पाचन तंत्र पर ट्यूमर का प्रभाव भी दर्द को ट्रिगर करता है।
पाचन में गड़बड़ी – इस समस्या में व्यक्ति को एसिड (acidity) बढ़ने या भोजन मार्ग को अवरुद्ध करके मतली और उल्टी शामिल हो सकती है।
पीले भूरे रंग का मूत्र – लिवर और पित्ताशय (Gall bladder) शरीर में करीब मौजूद हैं। लिवर भोजन को पचाने के लिए पित्त मूत्राशय द्वारा संग्रहित पित्त रस का स्राव करता है। लेकिन अगर एक बड़ा पेनक्रियाज ट्यूमर सामान्य पित्त नली को खोलता है, तो पित्त स्रावित नहीं होता और अत्यधिक बिलीरुबिन मलिन मूत्र के रूप में निकलता है।
अग्नाशय कैंसर के कारण -
लीवर में ज़ख़्म का बनना
शरीर में एनीमिया या खून की कमी होना
शराब का सेवन करना
मधुमेह
पेट में इंफेक्शन होना
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें। स्पोर्ट्सकीड़ा हिंदी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है।