खराब खान-पान और बदलते लाइफस्टाइल के चलते लोगों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है। आज के समय में इसके चलते कई बीमारियों से लोग ग्रसित हो रहे हैं। ऐसे में महिलाओं पर भी इसका असर देखने को मिलता है और इसके चलते लाइट पीरियड्स की समस्या तेजी से बढ़ रही है। पीरियड्स के दौरान कम ब्लीडिंग आने के कई कारण हो सकते हैं। इसमें तनाव भी एक बड़ा कारण है। दरअसल, पीरियड्स के दौरान होने वाली ब्लीडिंग शरीर में जमी गंदगी को दूर करने का काम करती है। ऐसे में इसका सही से होना बहुत जरूरी होता है। कुछ महिलाओं को 1-2 दिन से ज्यादा मासिक स्त्राव होती ही नहीं है जिससे, गंभीर बीमारियों की चपेट में आने के साथ ही अर्ली मेनोपॉज का खतरा भी बढ़ जाता है।
लाइट पीरियड्स के कारण | Reasons for less bleeding during periods in hindi
प्रेगनेंसी (pregnancy less bleeding during periods)
गर्भावस्था के दौरान लाइट पीरियड्स आता है जिसमें रक्तस्राव खुलकर नहीं होता है। इसे प्रत्यारोपण रक्तस्राव करते हैं। अगर 1-2 महीने ऐसा हो तो प्रेगनेंसी का टेस्ट करवा लेना चाहिए।
वजन बढ़ना या घटना (Bleeding is less during periods due to weight gain or incident)
जब वजन एकदम से बढ़ने या घटने लगता है तो भी इसका असर मासिक धर्म पर पड़ता है। इस दौरान हार्मोन का बैलेंस बिगड़ जाता है, जिसके कारण पीरियड्स के दौरान ब्लीडिंग कम हो जाती है।
अधिक एक्सरसाइज (Bleeding during periods is also less due to more exercise)
कई बार महिलाएं ज्यादा एक्सरसाइज या वर्कआउट कर देती हैं जिसकी वजह से भी उन्हें ये समस्या हो जाती है। इसके अलावा जो महिलाएं अधिक एनर्जी ड्रिंक पीती हैं उन्हें भी पीरियड्स खुलकर न आने की समस्या हो सकती है।
बढ़ती उम्र (Bleeding decreases during periods even with increasing age)
पीरियड्स के दौरान कम ब्लीडिंग आने के कारण बढ़ती उम्र भी हो सकता है। इसमें पीरियड की अवधि और रक्तस्त्राव में कमी का कारण हो सकती हैं, जिसे प्री-मेनोपॉज भी कहा जाता है।
तनाव (Stress can have an effect on periods)
अगर आप अधिक तनाव लेती हैं तो भी इसका असर आपके पीरियड्स पर पड़ सकता है। क्योंकि, अधिक तवान लेने से मस्तिष्क मासिक धर्म चक्र हार्मोन को बदल देता है जिसके कारण पीरियड खुलकर नहीं आता है।
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