खाने में अक्सर अलग - अलग तरीके के मसाले का इस्तेमाल किया जाता है। उसी में से है लंबी मिर्च, जिसे पिप्पली के रूप में भी जाना जाता है, एक आवश्यक सुगंधित पौधा है जिसकी जड़ें और फूल मुख्य रूप से औषधि के लिए उपयोग किए जाते हैं। पिप्पली को आयुर्वेद में भी उपयोग किया गया है। आयुर्वेद में पिप्पली की चार प्रजातियों के बारे में बताया गया है, लेकिन व्यवहार में छोटी और बड़ी दो प्रकार की पिप्पली ही आती हैं। इसका स्वाद थोड़ा तीखा होता है। पिप्पली के पौधे में फूल बारिश के मौसम में खिलते हैं, और फल ठंड के मौसम में होते हैं। इसके फलों को ही पिप्पली कहते हैं। जानते हैं पिप्पली चूर्ण के फायदे।
पिप्पली चूर्ण के फायदे – Benefits of Pippali Churan in Hindi
लिवर के लिए - पिप्पली चूर्ण का उपयोग लिवर को स्वस्थ रखने के लिए किया जा सकता है। दरअसल, इसमें हेपेटोप्रोटेक्टिव (Hepatoprotective) गुण पाए जाते हैं, जो लिवर के स्वास्थ्य को बरकरार रखने का काम कर सकते हैं। इसी गुण की वजह से पिप्पली का उपयोग लिवर से जुड़े जोखिम से बचने के लिए भी किया जा सकता है।
कब्ज के लिए - कब्ज की समस्या में भी पिप्पली के गुण काम कर सकते हैं। दरअसल, यह औषधि डाइजेस्टिव एजेंट की तरह काम कर सकती है, जिससे भोजन को सही से पचाने में मदद मिल सकती है।
मलेरिया के लिए - मलेरिया के बुखार में पिप्पली का चूर्ण उपयोग लाभकारी साबित हो सकता है। दरअसल, पिप्पली में एंटी मलेरिया गुण पाए जाते हैं, जो मलेरिया से बचाव और इसके प्रभाव को कुछ हद तक कम करने में मददगार साबित हो सकते हैं।
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें। स्पोर्ट्सकीड़ा हिंदी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है।