नाश्ता छोड़ना आपके बच्चे के मानसिक स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है, जानिए कैसे?

Skipping breakfast can be bad for your child
नाश्ता छोड़ना आपके बच्चे के मानसिक स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है, जानिए कैसे?

हाल ही में हुए एक नए शोध में पाया गया है कि नाश्ता करने से बच्चों को शारीरिक और मानसिक दोनों तरह के लाभ मिलते हैं। क्यूंकि बच्चों को सबसे जायदा पोषण की ज़रूरत होती है क्युकी वो शरीरिक और मानसिक दोनों रूप से मज़बूत हो रहे होते है इसीलिए उनके पास जितना अधिक पोषण होगा, वे उतने ही अधिक प्रतिरक्षा, मजबूत और कुशल बनेंगे.

क्या है वैज्ञानिकों का मानना?

वज्ञानिकों का मानना है की बच्चे क्या और कहा कहते हैं जैसे इस बात का ध्यान माता पिता रखतें हैं उतना ही ध्यान उन्हें बच्चों के नाश्ते पर भी रखना चाहिए. खाली पेट स्कूल जाना उनके मानस तथा उनके शरीर को भी झुलसा सकता है. नाश्ता छोड़ना या घर से दूर नाश्ता करना बच्चों और किशोरों में मनोसामाजिक व्यवहार संबंधी समस्याओं की बढ़ती संभावना से जुड़ा है और बच्चों में चिडचिडापन और गुस्से की भावनाएं जन्म लेतीं हैं.

विशेषज्ञों का यह भी सुझाव है कि एक स्वस्थ नाश्ता स्कूल में बच्चे के प्रदर्शन को बढ़ा सकता है और माता-पिता जो सुबह नाश्ता करने में बहुत व्यस्त हैं, वे रात में आवश्यक तैयारी कर सकते हैं।

बच्चों को क्या खाना चाहिए?

बीन्स, दालें, मछली, अंडे, मांस और अन्य प्रोटीन बच्चों को उर्जावान बनता है.

छोटे बच्चों को बढ़ने और विकसित होने के लिए प्रोटीन और आयरन की आवश्यकता होती है। अपने बच्चे को प्रतिदिन इस समूह से 1 या 2 भाग देने का प्रयास करें। बीन्स, दालें, मछली, अंडे, दालों से बने खाद्य पदार्थ और मांस प्रोटीन और आयरन के उत्कृष्ट स्रोत हैं।

बच्चों को किन खाद्य पदार्थों से बचना चाहिए?

• नमक। बच्चों को ज्यादा नमक नहीं खाना चाहिए, क्योंकि यह उनकी किडनी के लिए अच्छा नहीं है।

• चीनी। अधिक चीनी खाना भी बच्चों के स्वस्थ के लिए हानिकारक साबित हो सकती है.

• शहद

• पूरे नट और मूंगफली

• कुछ पनीर

• कच्चे और हल्के पके अंडे

ऊपर बताये गये खाद्य पदार्थ बच्चों के लिए एक भारी सेवन साबित हो सकता है. जो उनकी उम्र के हिसाब से पचाना मुश्किल होता है, परन्तु कभी-कभी या थोड़ी मात्रा में दिया जा सकता है.

बच्चों को कितना खाना चाहिए?

एक बच्चे के पहले वर्ष के बाद, विकास धीमा हो जाता है-और इसी तरह उनकी भूख भी होती है। इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिसिन के दिशा-निर्देशों के अनुसार, शिशुओं को प्रति पाउंड लगभग 35 से 50 कैलोरी खाने की जरूरत होती है, जबकि बच्चों को प्रति पाउंड लगभग 35 से 40 कैलोरी की आवश्यकता होती है।

अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें। स्पोर्ट्सकीड़ा हिंदी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है।

Edited by वैशाली शर्मा
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