गुस्सा एक ऐसी भावना है, जो किसी के प्रति आप के विरोध को दर्शाता है. उन लोगों के प्रति आपकी भावना को व्यक्त करता है जिन्होंने आपके साथ गलत किया है. गुस्सा कुछ खास ही स्थितियों और अनुभवों के कारण प्रकट होता है और यह आपको नकारात्मकता की ओर ले जाता है"
आपके जीवन में अंधेरा और बदनसीबी के अलावा ये कुछ नहीं लेकर आता. यह मानसिक रूप से आप को कमजोर और शारीरिक रूप से आपको कठोर बनाता जाता है. डॉक्टर हमेशा यह मानते आए हैं कि गुस्सा इंसान को सिर्फ और सिर्फ कमजोर और संपूर्ण रूप से तोड़ने का काम करता है.
अगर आप अपने गुस्से पर काबू पाना चाहते हैं तो वह निम्नलिखित 5 तरीकों पर खास ध्यान दें और इसको अपने जीवन में लागू करने की तैयारी कर ले:
१. डायरी लिखना:
डायरी में लिखना साइकोलॉजिस्ट खुद भी सजेस्ट करते हैं. अगर आपको डायरी लिखने की आदत नहीं है तो आज से ही डायरी लिखने की आदत को अपने दिन में शामिल कर लें. डायरी लिखने से ना ही सिर्फ हमारे गुस्से की मात्रा कम होती है बल्कि हमें इस बात का भी एहसास होता है कि जितना गुस्सा आ रहा था, असल में बात इतनी बड़ी नहीं थी और लिखने का फायदा हमें तब पता चलता है जब हम लिखते-लिखते लगभग गुस्से को छोड़ने पर ले आते हैं. आपको मानसिक रूप से ये मजबूत बनाने में कारगर है.
२. प्रतिदिन व्यायाम करें:
हर दिन व्यायाम करने से ना ही सिर्फ हमारा हमारे इमोशंस पर कंट्रोल बना रहता है, बल्कि यह हमारे शरीर से हैप्पी हारमोंस को रिलीज करता है. जो हमें हमारे इमोशंस पर काम करने पर मदद करता है ताकि हम अंदर से खुश और स्वस्थ बने रहें है. व्ययायम का अभ्यास असल में जितना कारगर शारीरिक है उतना ही मानसिक रूप से भी है.
३. प्रतिदिन ध्यान लगाएं:
ध्यान लगाना आपकी मानसिक स्वास्थ्य के लिए कारगर है. यह आपको और आपके शरीर को हर तरह के सेंसेस पर कंट्रोल कर सीखता है और आप के गुस्से पर नियंत्रण रखने आपकी मदद करता है. जरूरी नही की हर रोज़ 1 घंटा ध्यान लगाना हो आप १५ मिनट के लिए भी ध्यान लगा सकते हैं.
४. कॉग्निटिव बिहेवियरल थेरेपी:
यह गुस्से में बड़े काम आती है. यह थेरेपी के प्रयोग से उन विचारों को समझने में मदद मिलती है जिनके कारण आपको गुस्सा आता है। इस थेरेपी को आप अपने ऊपर स्वयं प्रयोग कर सकते हैं आपको उन बिन्दुओं को लिखना है जो आपको गुस्सा दिलातें है. जिसके बाद उन बातों को ध्यान में रखते हुए अपने गुस्से पर काबू कर सकते हैं.
५. हार्मोन में असंतुलन होना
कुछ लोगों में हार्मोनल असंतुलन भी गुस्से का कारण बन सकता है। स्वस्थ खाने की आदतों का पालन करने, हाइड्रेटेड रहने, आराम करने और पर्याप्त नींद लेने से इस समस्या से निजात पाने में मदद मिल सकती है। डॉक्टर की सलाह पर हार्मोनल सपोर्ट से ऐसे लोगों को गुस्सा होने पर उसका मुकाबला करने ताकत मिल सकती है।
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें। स्पोर्ट्सकीड़ा हिंदी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है।