किसी भी तरह की दुखद घटने होने पर व्यक्ति परेशान हो जाता है। जिससे उभर पाना किसी के लिए तो आसान होता है लेकिन किसी किसी व्यक्तियों के लिए उस घटने से उभर पाना आसान नहीं होता। उसी को कहते हैं सदमा लगना। जिस व्यक्ति को सदमा लगता है उसे इस बात का अंदाजा भी नहीं होता है कि उसके आसपास क्या चल रहा है और क्या नहीं। उस व्यक्ति को ऐसा एहसास होता है कि उसके जीवन में सब कुछ खत्म हो चुका है और आगे जिंदगी में उसके लिए कुछ भी नहीं बचा है। किसी भी कार्य को करने में वो व्यक्ति असमर्थ हो जाता है। इसी को सदमा कहते हैं। सदमा के लक्षण क्या होते हैं, आइए आगे लेख में हम जानते हैं।
सदमा लगना का लक्षण क्या होता है। What are the symptoms of shock in hindi
जिस व्यक्ति को सदमा लग जाता है। उसे किसी के भी साथ उठने बैठने में अच्छा नहीं लगता है। इस दौरान परिजनों से मिलना पसंद नहीं लोगों। वो व्यक्ति अपने दोस्तों से मिलने में भी कतराने लगता है। सदमा लगे व्यक्ति को ऐसा लगता है, जैसे उसकी जिंदगी वहीं खत्म हो गई है। इसके कारण किसी पर भी भरोसा कर पाना उसके लिए मुश्किल हो जाता है। वो व्यक्ति बार बार उसी दुखद घटना के बारे में सोचता रहता है। जिसके चलते वो उस सदमें से बाहर भी नहीं आ पाता। सदमा लगने का एक और जो लक्षण होता है वो है लोगों की भूख पूरी तरह से खत्म हो जाती है। जिसके कारण कुछ भी खाने या पीने का मन नहीं करता है। इतना ही नहीं बाहर जाने में भी लोगों का मन नहीं होता।
सदमे से बाहर निकलने के लिए क्या किया जाए - What to do to get out of the shock
इससे बाहर निकलने के लिए आप उस व्यक्ति को बाहर घुमाने लेकर जाएं। अपने दोस्तों से मिलने के लिए प्रेरित करें। काउंसलिंग का सहारा लें। जो चीजें उस व्यक्ति को पसंद है उसे करने के लिए उसे प्रेरित करें। उसको ये एहसास दिलाएं कि जिंदगी खत्म नहीं हुई है। उसको बताएं कि उसके आसपास के लोग उससे कितना प्यार करते हैं। इस तरह से उस व्यक्ति को सदमे से बाहर निकाला जा सकता है।
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें। स्पोर्ट्सकीड़ा हिंदी इस जानकारी के लिए जिम्मेदारी का दावा नहीं करता है।