प्रेग्नेंसी के दौरान क्यों होती है पैरों में सूझन, अपनाएँ ये आसान उपाय 

प्रेग्नेंसी के दौरान क्यों होती है पैरों में सूझन, अपनाएँ ये आसान उपाय
प्रेग्नेंसी के दौरान क्यों होती है पैरों में सूझन, अपनाएँ ये आसान उपाय

जब कोई महिला प्रेग्नेंट होती है, उस समय महिला के शरीर में बहुत से परिवर्तन होने लगते हैं। यह परिवर्तन तब तक चलते हैं, जब तक बच्चे की डिलीवरी नहीं हो जाती। इस दौरान कई महिलाओं में पैरों में सूजन की परेशानी देखी जाती है। ज्यादातर प्रेग्नेंट महिला इस समस्या से जूझ रही होती है। दरअसल, गर्भावस्था के दौरान बच्चे के विकास के लिए और बच्चे को सुरक्षित रखने के लिए महिला के शरीर में 50 प्रतिशत तक अतिरिक्त खून और तरल पदार्थों का उत्पादन होने लगता है। इसी एक्स्ट्रा खून और तरल पदार्थों के शरीर में रिटेंशन की वजह से और गर्भाशय के बढ़ते आकार और प्रेशर की वजह से हाथ और पैर समेत शरीर के कई अंगों में सूजन हो जाती है। 50 से 80 प्रतिशत महिलाओं को पैरों में सूजन की समस्या होती है।

सूजन किस समय ज्यादा आने लगती है - At what time does the swelling start to increase? in hindi

खड़े रहकर ज्यादा काम कर लेने से सूजन आती है।

कैफीन का अधिक मात्रा में सेवन करने से भी सूजन आने लगती है।

अगर कोई महिला बहुत ज्यादा देर तक खड़ी भी है, तो सूजन आ सकती है।

खाने में नमक का ज्यादा इस्तेमाल करने से भी सूजन आ सकती है।

हार्मोनल चेंजेस Hormonal changes के कारण सूजन आने लगती है।

किस तरह से सूजन को कम किया जा सकता है। How can swelling be reduced? in hindi

पोटेशियम Potassium को अपने खाने में सेवन करें। शरीर में तरल पदार्थों को बैलेंस करने के लिए पोटेशियम जरूरी होता है। इसलिए ऐसी चीजों का सेवन करना शुरू करना चाहिए जिसमें पोटेशियम की मात्रा ज्यादा होती है। जैसे - केला, आलू, पालक, बीन्स, दही, दालें और साल्मन फिश में पोटेशियम भरपूर मात्रा में होता है।

प्रेगनेंसी के दौरान एक ही पोजिशन में खड़े या बैठे न रहें। कुछ कुछ देर में पोजीशन चेंज करें। बीच बीच में थोड़ा बहुत चलते रहें। इससे सूजन Sweling नहीं आएगी।

प्रेगनेंसी में नमक का सेवन कम करें। दरअसल, नमक शरीर में मौजूद एक्स्ट्रा पानी को रोक कर रखता है। ऐसे में अगर शरीर में पहले से इतना सारा वॉटर रिटेंशन water retention हुआ रहता है, तो ज्यादा नमक खाने से वॉटर रिटेंशन और बढ़ सकता है। इसलिए खाने में ऊपर से नमक का इस्तेमाल बिल्कुल भी न करें।

अगर आपको भी चाय या कॉफी की लत है, तो प्रेगनेंसी के बाद इस लत को जरूर छोड़ दें। क्योंकि प्रेगनेंसी के दौरान कैफीन caffeine का सेवन हानिकारक हो सकता है। दरअसल, जिस तरह से सोडियम के सेवन से वाटर रिटेंशन की समस्या बढ़ती है। उसी तरह कैफीन भी ये समस्या खड़ी कर देता है।

अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें। स्पोर्ट्सकीड़ा हिंदी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है।