3 बार के ओलंपिक गोल्ड मेडलिस्ट और हॉकी लीजेंड बलबीर सिंह सीनियर का निधन हो गया है। वो दो हफ्ते से बीमार चल रहे थे और सोमवार सुबह 95 साल की उम्र में उन्होंने अंतिम सांस ली। मोहाली स्थित फोर्टिज हॉस्पिटल के डायरेक्टर अभिजीत सिंह ने पीटीआई से बातचीत में बताया कि बलबीर सिंह सीनिय सोमवार सुबह 6:30 बजे अंतिम सांस ली। बलबीर सिंह सीनियर काफी गंभीर बीमारी से पीड़ित थे।
बलबीर सिंह 1948, 1952 और 1956 के ओलिंपिक में गोल्ड मेडल जीतने वाली भारतीय टीम का हिस्सा थे। वो अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक कमेटी द्वारा मॉर्डन ओलंपिक इतिहास के 16 आइकॉनिक खिलाड़ियों की लिस्ट में शामिल इकलौते भारतीय और एशियन खिलाड़ी थे। मेंस हॉकी के फाइनल में किसी खिलाड़ी द्वारा सर्वाधिक गोल करने का विश्व रिकॉर्ड आज तक उनके नाम ही है। उन्होंने 1952 में नीदरलैंड के खिलाफ गोल्ड मेडल मैच में 5 गोल किए थे और भारत ने वो मुकाबला 6-1 से जीता था। 1956 के मेलबर्न ओलंपिक में उनकी कप्तानी में भारत ने गोल्ड मेडल जीता था और उस दौरान भारत ने कुल मिलाकर 38 गोल किए थे और जबकि विपक्षी टीम पूरे ओलंपिक के दौरान एक भी गोल भारतीय टीम के खिलाफ नहीं कर पाई थी। 1975 में मलेशिया में हुए वर्ल्ड कप में वो भारतीय टीम के कोच भी थे।
बलबीर सिंह ने अपने करियर में 246 गोल किए थे
बलबीर सिंह के लिए 1948 के लंदन ओलंपिक में मिली जीत ज्यादा खास थी। क्योंकि आजादी के बाद भारत का एक स्वतंत्र राष्ट्र के तौर पर पहला ओलंपिक था और भारतीय टीम ने फाइनल में इंग्लैंड को 4-0 से हराकर स्वर्ण पदक अपने नाम किया था। बलबीर सिंह ने 1947 से लेकर 1958 तक हॉकी खेला और इस दौरान उन्होंने 246 गोल किए।
हॉकी में बलबीर सिंह के अमूल्य योगदान को देखते हुए उन्हें 1957 में भारत के चौथे सबसे बड़े नागरिक सम्मान पद्म श्री से नवाजा गया था। इसके बाद 2015 में हॉकी इंडिया द्वारा उन्हें ध्यान चंद लाइफ टाइम अचीवमेंट अवॉर्ड भी दिया गया था।