आखिर क्यों सबसे ज्यादा बार हॉकी वर्ल्ड कप जीतने वाली पाकिस्तानी टीम इस बार है विश्व कप से गायब!

1994 में हॉकी विश्व कप जीत ट्रॉफी के साथ पाकिस्तानी टीम।
1994 में हॉकी विश्व कप जीत ट्रॉफी के साथ पाकिस्तानी टीम।

फील्ड हॉकी के खेल में एक समय था जब भारत और पाकिस्तान का डंका पूरी दुनिया में बजता था। भारत ने जहां सर्वाधिक ओलंपिक गोल्ड मेडल इस खेल में जीते तो वहीं पाकिस्तान ने रिकॉर्ड चार बार हॉकी विश्व कप जीता। खास बात ये है कि पुरुष हॉकी विश्व कप का ख्याल पहली बार एक पाकिस्तानी सैन्य अधिकारी ने ही दिया जो 1971 में मौजूदा हॉकी वर्ल्ड कप में बदला। लेकिन हैरानी की ही बात है कि कभी हॉकी में दुनिया पर राज करने वाली पाकिस्तानी टीम 2023 में भारत में होने वाले हॉकी विश्व कप में भाग तक नहीं ले पाएगी।

Pakistan are the most successful side at the Hockey World Cup! 😳🇵🇰However, they have failed to qualify for the 2023 Hockey World Cup in Odisha! 👀#Hockey #HockeyWorldCup https://t.co/oimnAZWh34

दरअसल पाकिस्तान की टीम इस बार के विश्व कप के लिए क्वालिफाई करने में नाकाम रही है और यह पाकिस्तान में इस खेल की बिगड़ती हालत का एक खराब उदाहरण है। पाकिस्तान ने 2022 में एशिया कप में भाग लिया था। टीम अगर टॉप 3 में रहती तो विश्व कप खेल सकती थी, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। दक्षिण कोरिया, मलेशिया और जापान ने प्रतियोगिता में पहला, दूसरा और चौथा स्थान पाया। तीसरे स्थान पर आई भारतीय टीम पहले ही बतौर मेजबान विश्व कप खेल रही थी, और ऐसे में जापान को क्वालिफिकेशन में सफलता मिली। पाकिस्तान की टीम टूर्नामेंट में पांचवे स्थान पर रही।

नहीं लिया सबक

भारत और पाकिस्तान ने एस्ट्रो टर्फ के बाद से ही हॉकी के खेल में गिरावट देखी। दोनों टीमों का प्रदर्शन निराशानजक होता गया। भारत के लिए 2008 में बीजिंग ओलंपिक के लिए क्वालिफाई न कर पाना शर्मनाक रहा। साल 2010 में एक ट्रेनिंग कैम्प में सही दैनिक भत्ते और सुविधाएं न मिलने पर भारतीय टीम के खिलाड़ियों ने विरोध भी जताया था। लेकिन इसके बाद धीरे-धीरे देश में हॉकी के स्तर को सुधारने के प्रयास हुए। इसका साफ असर साल 2021 में टोक्यो ओलंपिक में देश के ब्रॉन्ज मेडल जीतने पर सभी को दिखा। लेकिन पाकिस्तान ने कोई सबक नहीं लिया।

पाकिस्तान ने 1971 में पहला विश्व कप जीतने के साथ ही 1978, 1982, और 1994 में विश्व कप जीता था। पाकिस्तानी फेडरेशन ने देश में हॉकी को बढ़ाने के लिए कोई काम नहीं किया। टीम 2014 में भी विश्व कप के लिए क्वालिफाय नहीं कर पाई थी। यही नहीं 2016 रियो ओलंपिक और 2021 में हुए टोक्यो ओलंपिक में भी पाक टीम क्वालिफाय नहीं कर सकी। देश की हॉकी फेडरेशन पर भ्रष्टाचार के आरोप लगते रहे हैं। देश में एक जमाने में अलग-अलग विभागों की हॉकी टीमें होती थीं, इनके बीच होने वाली प्रतियोगिताएं खत्म हो गईं।

मजाकिया अंदाज में हुए बाहर

2023 विश्व कप के लिए एशिया कप में अहम मैच में जापान के खिलाफ पाकिस्तानी टीम एक समय 2-3 से पीछे थी। ऐसे में टीम ने एक गोल दागा, लेकिन उस समय टर्फ पर उनके 12 खिलाड़ी मौजूद थे, और ऐसे में रेफरी ने ये गोल कैंसिल कर दिया। अगर ये गोल हो जाता तो भारतीय टीम टूर्नामेंट से बाहर हो जाती और पाकिस्तानी टीम अगले दौर में पहुंच जाती। लेकिन एक छोटी सी गलती से टीम विश्व कप में नहीं खेल पा रही।

पाकिस्तान कभी हॉकी में सबसे मजबूत टीम के रूप में जाना जाता था। आज देश में हॉकी का स्तर न्यूनतम हो गया है। टीम के पास स्पॉन्सर नहीं है। फिटनेस के नाम पर खिलाड़ियों के पास सुविधाएं नहीं हैं। ऐसे में पाकिस्तान में हॉकी का भविष्य बचा है या फिर यह पूरी तरह खत्म हो गया है इस पर चर्चा लगातार बनती रहेगी।

Edited by निशांत द्रविड़
Be the first one to comment