भारतीय महिला हॉकी टीम ने FIH महिला हॉकी विश्व कप में अपना आखिरी मुकाबला जीतकर टूर्नामेंट में 9वां स्थान हासिल किया है। टीम ने जापान के खिलाफ क्लासिफिकेशन के आखिरी मैच में 3-1 से जीत दर्ज की।
कप्तान सविता पुनिया की अगुवाई में खेल रही टीम को पहले क्वार्टर में जापान से कड़ी टक्कर मिली और दोनों टीमें कोई गोल नहीं कर सकीं। दूसरे क्वार्टर में 19वें मिनट में जापान ने पेनेल्टी कॉर्नर के जरिए अपना पहला गोल किया। लेकिन नवनीत कौर ने 29वें मिनट में फील्ड गोल कर भारत को 1-1 की बराबरी पर ला दिया। तीसरे क्वार्टर में दीप ग्रेस एक्का ने 37वें मिनट में पेनेल्टी कॉर्नर को गोल में बदलकर भारत को बढ़त दिला दी। तीसरे क्वार्टर के खत्म होने के ठीक पहले नवनीत ने एक और फील्ड गोल किया। चौथे क्वार्टर में किसी टीम ने गोल नहीं किया और मैच 3-1 से भारत के पक्ष में खत्म हुआ।
टोक्यो ओलंपिक में चौथे स्थान पर रहने वाली भारतीय महिला टीम का ये विश्व कप काफी खराब रहा। टीम पूल मैचों में एक भी मुकाबला नहीं जीत पाई और तीसरे स्थान पर रही। इसके बाद भी टीम के पास क्रॉसओवर में स्पेन को हराकर क्वार्टर फाइनल में पहुंचने का मौका था लेकिन उस मुकाबले में भी भारतीय टीम आखिरी चार मिनट में एक गोल खाकर मैच गंवा बैठी। भारत ने हॉकी विश्व कप के पहले संस्करण में साल 1974 में चौथा स्थान हासिल किया था और ये इस टीम का विश्व कप में सबसे अच्छा प्रदर्शन रहा है। साल 2018 में हुए पिछले विश्व कप में टीम क्वार्टरफाइनल में पहुंची थी लेकिन हार गई थी।
विश्व कप के ठीक बाद भारतीय टीम को अब जुलाई के अंत में बर्मिंघम में शुरु हो रहे कॉमनवेल्थ खेलों की तैयारियों में जुटना है। टीम को कॉमनवेल्थ खेलों में बनाए गए 2 पूल में से पूल ए में रखा गया है जिसमें इंग्लैंड, कनाडा, वेल्स और घाना की टीमें हैं, जबकि पूल बी में ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, दक्षिण अफ्रीका जैसी मजबूत टीमें शामिल हैं।