भारतीय पुरुष हॉकी टीम के कप्तान मनप्रीत सिंह सहित पांच खिलाड़ियों को बेंगलुरु में भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) केंद्र में राष्ट्रीय कैंप में रिपोर्ट करने के बाद कोविड-19 टेस्ट में पॉजिटिव पाया गया। मनप्रीत सिंह के अलावा भारतीय हॉकी टीम के डिफेंडर सुरेंदर कुमार, जसकरण सिंह और ड्रैग फ्लिकर वरुण कुमार टेस्ट में पॉजिटिव पाए गए हैं। बता दें कि भारतीय हॉकी खिलाड़ी एक महीने के ब्रेक के बाद टीम के साथ शिविर में शामिल होने के लिए आए थे।
जानकारी मिली है कि गोलकीपर कृष्णा की पाठक भी कोविड-19 जांच में पॉजिटिव पाए गए हैं। उनकी रिपोर्ट की जानकारी राज्य सरकार ने दी। साई को अब तक पाठक की रिपोर्ट नहीं मिली है। कप्तान मनप्रीत सिंह की तरफ से साई द्वारा जारी बयान में कहा गया, 'मैं साई परिसर में पृथकवास में हूं और जिस तरहसाई अधिकारियों ने स्थिति को संभाला, उससे काफी खुश हूं। मैं इस बात से खुश हूं कि उन्होंने सभी खिलाड़ियों का टेस्ट अनिवार्य किया। इस कदम से सही समय पर वायरस के संक्रमण का पता चलेगा। मैं ठीक हूं और जल्द ही उबरने की कोशिश कर रहा हूं।'
भारतीय हॉकी खिलाड़ियों का लंबा ब्रेक
बता दें कि भारतीय हॉकी खिलाड़ी 6 सप्ताह के लंबे ब्रेक के बाद राष्ट्रीय कैंप में लौट रहे थे। इससे पहले लॉकडाउन के कारण दो महीने से ज्यादा समय तक ये खिलाड़ी बेंगलुरु के साई सेंटर में फंसे हुए थे। साई ने एक प्रेस रिलीज जारी करते हुए कहा, 'साई ने कैंप में रिपोर्ट करने वाले सभी भारतीय हॉकी खिलाड़ियों के पहुंचने पर रैपिड कोविड-19 टेस्ट कराना अनिवार्य किया है। पॉजिटिव पाए गए सभी खिलाड़ियों ने एक साथ ही यात्रा की थी तो पूरी संभावना है कि घर से बेंगलुरु पहुंचते समय उनसे वायरस फैला होगा।'
इसमें आगे कहा गया, 'सभी भारतीय हॉकी खिलाड़ियों का रैपिड टेस्ट निगेटिव पाया गया था। मगर मनप्रीत और सुरेंदर के अंदर बाद में कोविड-19 के लक्षण दिखाई दिए तो उन्हें व अन्य 10 खिलाड़ियों का आरटी-पीसीआर टेस्ट कराया गया, जिसमें ये 4 खिलाड़ी कोविड-19 पॉजिटिव निकले।' इन खिलाड़ियों की रिपोर्ट अभी साई को सौंपी नहीं गई है, लेकिन राज्य सरकार ने साई अधिकारियों को इसकी जानकारी दे दी है और कुछ टेस्ट के नतीजे आने का इंतजार है।
राष्ट्रीय कैंप में रिपोर्ट करने वाले मनप्रीत सिंह सहित सभी खिलाड़ी स्वास्थ्य मंत्रालय के दिशा-निर्देशों के अनुसार पृथकवास में रह रहे हैं और वायरस के संक्रमण की संभावना को रोकने के लिए उन्हें अलग रखा गया था। इन पृथक खिलाड़ियों ने कैंप में मौजूद अन्य खिलाड़ियों से बातचीत नहीं की थी। राज्य सरकार और साई की मानक परिचालन प्रक्रिया (एसओपी) का शिविरों में कड़ाई से पालन किया जा रहा है।
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