फाइनल में खेलने उतरी दोनों टीमों अपने पहले खिताब के सपने के साथ मैदान पर आईं थीं, लेकिन भारतीय महिलाओं ने चीन के इस सपने को पूरा नहीं होने दिया। भारत ने मैच की शुरुआत से ही चीन पर दवाब बनाए रखा और आक्रामक खेल खेला। इसका फायदा उसे 13वें मिनट में मिला। भारत को पेनाल्टी कॉर्नर मिला और दीप ग्रेस इक्का ने इसे गोल में बदल कर भारत को एक गोल की बढ़त दिला दी। दूसरे क्वार्टर में भी भारतीय महिलाओं ने अपना आक्रामक खेल जारी रखा और कई बार हमले किए लेकिन वह सफल नहीं हो सकी। तीसरे क्वार्टर में भारत शुरुआती क्षणों में चीन पर हावी रहा लेकिन अंतिम क्षणों में वह रक्षात्मक हो गया जिसके कारण चीन को बराबरी करने का मौका मिला। 44वें मिनट में झोंग मेंगलिंग ने भारतीय खिलाड़ियों को छकाते हुए शानदार फील्ड गोल कर स्कोर 1-1 से बराबर कर दिया। अंतिम क्वार्टर में एक बार फिर भारत का दबदबा देखने को मिला। भारतीय महिलाओं ने चीन के एरिया में ज्यादा समय बिताया और कई बार गोल करने की कोशिश की लेकिन वह अपने प्रयास को अंजाम देने में असफल रही। मैच अंतिम मिनट में था और लग रहा था कि विजेता का फैसला पेनाल्टी शूटआउट से होगा। मैच खत्म होने से 20 सेकेंड पहले भारत को पेनाल्टी कॉर्नर मिला और दीपिका ने रिबाउंड पर गोल कर दिया। हालांकि अंपयार ने इसे गोल करार देने के लिए समय लिया, लेकिन अंतत: फैसला भारत के पक्ष में आया और वह पहली बार खिताब अपने नाम करने में कामयाब रहा। इससे पहले, दिवाली के दिन भारतीय पुरुष टीम ने पेनाल्टी शूटआउट में पाकिस्तान को 5-4 से हराकर देशवासियों को शानदार तोहफा दिया था। भारतीय टीम ने दूसरी बार यह खिताब अपने नाम किया और अब महिलाओं ने भी खाता खोल दिया है। --आईएएनएस