विश्व नंबर 1 नीदरलैंड्स ने FIH महिला हॉकी विश्व कप का खिताब जीत लिया है। स्पेन के टेरेसा में खेले गए फाइनल में नीदरलैंड्स ने दो बार की चैंपियन अर्जेंटीना को 3-1 से हराते हुए लगातार तीसरी बार ये खिताब अपने नाम किया। टोक्यो ओलंपिक गोल्ड मेडलिस्ट नीदरलैंड्स की टीम ने साल 2014, 2018 में भी खिताब जीता था और ये इस टीम का कुल 9वां विश्व कप टाइटल है।
नीदरलैंड्स की टीम ने मैच की शुरुआत से ही अटैकिंग हॉकी खेलते हुए अर्जेंटीना को बैकफुट पर रखा। पहले क्वार्टर में कोई टीम गोल नहीं कर पाई। दूसरे क्वार्टर की शुरुआत में ही नीदरलैंड्स ने पेनेल्टी कॉर्नर की बदौलत वर्सचूर मारिया के गोल से अपना खाता खोला। 23वें मिनट में मात्ला फ्रेडेरिक ने गोल कर नीदरलैंड्स को 2-0 से आगे कर दिया। तीसरे क्वार्टर के 35वें मिनट में आल्बर्स फेलीस ने गोल किया और नीदरलैंड्स की बढ़त 3-0 कर दी। अर्जेंटीना के लिए इकलौता गोल 45वें मिनट में पेनेल्टी कॉर्नर के रूप में आया।
अर्जेंटीना और नीदरलैंड्स के बीच ये चौथा विश्व कप फाइनल था। साल 1974 में पहले महिला हॉकी विश्व कप के फाइनल में नीदरलैंड्स ने अर्जेंटीना को हराया था जबकि 2002 और 2010 में अर्जेंटीना ने नीदरलैंड्स पर जीत हासिल की थी। नीदरलैंड्स की टीम इतिहास की सबसे मजबूत महिला हॉकी टीम है। टीम महिला हॉकी विश्व कप के मौजूदा संस्करण को मिलाकर 15 संस्करणों में से 13 में फाइनल तक पहुंची है और 9 बार जीती है । साल 1976 में टीम ने ब्रॉन्ज मेडल जीता था जबकि साल 1994 में टीम पहली बार कोई पदक नहीं जीत पाई थी।
ऑस्ट्रेलियाई टीम ने जर्मनी को हराकर तीसरा स्थान हासिल किया। कड़े मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया ने जर्मनी पर 2-1 से जीत दर्ज की। जर्मनी की टीम ने 14वें मिनट में गोल कर बढ़त हासिल की, लेकिन फिर 49वें मिनट में ऑस्ट्रेलिया ने गोल कर बराबरी की और मैच खत्म होने से ठीक चार मिनट पहले एक और गोल करते हुए मैच अपने नाम किया दूसरी बार ब्रॉन्ज मेडल जीता।