जूनियर हॉकी विश्वकप : सेमीफाइनल में नीदरलैंड के हाथों हारी भारतीय महिला टीम

भारतीय टीम कांस्य पदक के लिए मंगलवार को इंग्लैंड का सामना करेगी।
भारतीय टीम कांस्य पदक के लिए मंगलवार को इंग्लैंड का सामना करेगी।

भारतीय महिला टीम FIH जूनियर विश्व कप के सेमीफाइनल में नीदरलैंड के हाथों 3-0 से हारकर खिताबी मुकाबले से चूक गई। तीन बार की चैंपियन नीदरलैंड ने पूरे मुकाबले में अपनी पकड़ बनाए रखी और भारतीय अटैक को काफी कमजोर कर दिया। साल 2013 में भारतीय टीम ने इस टूर्नामेंट में अपना सबसे अच्छा प्रदर्शन कर कांस्य पदक जीता था, और अब टीम के पास इस बार भी कम से कम कांस्य पदक जीतने का मौका है। 12 अप्रैल को तीसरे स्थान के लिए होने वाले मैच में भारत का सामना इंग्लैंड से होगा। दूसरे सेमीफाइनल में इंग्लैंड को जर्मनी ने 8-0 से रौंदते हुए खिताबी मुकाबले में जगह बनाई।

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टूर्नामेंट की इकलौती हार

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भारतीय टीम ने टूर्नामेंट में अपने पूल के सभी तीन मुकाबले जीते थे, और इसमें जर्मनी पर मिली 2-1 की जीत भी शामिल थी। इसके बाद भारत ने 2 बार की चैंपियन दक्षिण कोरिया को क्वार्टर-फाइनल में मात दी थी। लेकिन सेमीफाइनल के रूप में भारत को टूर्नामेंट में इकलौती हार मिली और ये टीम के लिए भारी पड़ी। नीदरलैंड के लिए तीनों गोल फील्ड गोल थे। तेसा बीत्समा ने 12वें मिनट में खाता खोला तो लूना फोक्के ने 53वें और जिप डिके ने 54वें मिनट में गोल कर जीत दिलाई। पहले क्वार्टर में भारतीय टीम ने अच्छा खेल दिखाया और तीन गोल करने के मौके कमाए लेकिन यह गोल में बदल नहीं सके। दूसरे, तीसरे और चौथे क्वार्टर का पूरा खेल डच खिलाड़ियों के नाम रहा।

दोहराना होगा इतिहास

इंग्लैंड के खिलाफ भारतीय टीम को कांस्य पदक मुकाबले में इतिहास को दोहराना होगा। साल 2013 में भारतीय टीम ने कांस्य पदक का मुकाबला इंग्लैंड के साथ ही खेला था जहां शूटआउट में टीम को 3-2 से जीत मिली थी और जूनियर विश्व कप का अपना इकलौता मेडल भी मिला था। इंग्लैंड की टीम ने उससे पहले साल 2009 में दक्षिण कोरिया के खिलाफ कांस्य पदक मैच गंवाया था।

वहीं फाइनल के जरिए जर्मनी पहली बार खिताब जीतना चाहेगी। टूर्नामेंट के पहले संस्करण में साल 1989 में वेस्ट जर्मनी ने खिताब जीता था, लेकिन जर्मनी के बनने के बाद से टीम एक बार साल 2005 में फाइनल में पहुंची थी जहां दक्षिण कोरिया ने उसे हराया था। ऐसे में जर्मनी के पास इतिहास बनाने का मौका है। वहीं नीदरलैंड साल 1997, 2009 और 2013 के बाद अब चौथी बार इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट में जीत दर्ज करना चाहेगी। नीदरलैंड के पास पहले से ही सबसे ज्यादा जूनियर विश्व कप हैं, और अब अगर 12 अप्रैल को टीम जीतती है तो अपने रिकॉर्ड को और बेहतर कर लेगी।

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Edited by Prashant Kumar
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