मिडफील्डर निक्की प्रधान ने कहा कि मौजूदा अनुभवी मिडफील्डर्स समूह आगामी सालों में बड़े टूर्नामेंट्स में भारतीय महिला हॉकी टीम के लिए महत्वपूर्ण साबित होगा। निक्की प्रधान ने कहा, 'हम बहुत भाग्यशाली हैं कि भारतीय टीम में कई मिडफील्डर्स हैं, जिन्होंने 100 से ज्यादा मुकाबले राष्ट्रीय टीम के लिए खेले हैं। ओलंपिक्स जैसे बड़े टूर्नामेंट्स में अनुभव काफी काम आता है। अगर हम अपने 100 प्रतिशत पर खेले तो किसी भी टीम के खिलाफ मैच जीत सकते हैं। अनुभव किसी को शांत रहना सिखाता है और दबाव में स्पष्ट सोचने की शक्ति देता है। इसलिए आगामी सालों में हमारा अनुभवी मिडफील्डर्स समूह सफलता की चाबी होगा।'
निक्की प्रधान राष्ट्रीय टीम का नियमित हिस्सा रहीं और वह कई यादगार पलों का हिस्सा रहीं, जिसमें 2017 महिलाओं के एशिया कप का गोल्ड मेडल, 2019 एफआईएच महिलाओं के सीरीज फाइनल्स में जीत और टोक्यो ओलंपिक्स में जगह पक्की करना शामिल है। भारतीय महिला हॉकी टीम ने पिछले साल ओलंपिक क्वालीफायर में अमेरिका को मात देकर टोक्यो ओलंपिक में जगह पक्की की थी। निक्की प्रधान उस टीम का हिस्सा थीं।
26 साल की निक्की प्रधान 2016 ओलंपिक्स में भारतीय महिला हॉकी टीम का प्रतिनिधित्व करने वाली झारखंड की पहली महिला हॉकी खिलाड़ी बनी थीं। निक्की प्रधान ने ओलंपिक्स के अनुभव के बारे में भी बातें की। निक्की प्रधान ने कहा, 'रियो ओलंपिक्स में भाग लेना बहुत ही अच्छा अनुभव था। दुनिया की शीर्ष एथलीट्स के आस-पास होने से अलग ही भावना आती है। भारतीय महिला हॉकी टीम ने 36 साल के बाद ओलंपिक्स के लिए क्वालीफाई किया था। इसलिए यह हमारे लिए बहुत बड़ी उपलब्धि थी।'
निक्की प्रधान ने आगे कहा, 'हालांकि, यह निराशाजनक था कि हम एक भी मैच बिना जीते लौटे। मगर इससे हमारे प्रयासों में कोई निराशा नहीं आई। हॉकी इंडिया ने हम पर गजब का भरोसा दिखाया और अच्छे व बुरे समय में साथ दिया। हम कड़ी मेहनत करके अब कुछ करिश्मा करने की कोशिश करेंगे।'
निक्की प्रधान इस बात से बहुत खुश
निक्की प्रधान ने आगे कहा कि हॉकी इंडिया, भारतीय खेल प्राधिकरण (साई), राज्य सरकारें और राज्य ईकाईयों ने अभ्यास व अंतरराष्ट्रीय मुकाबलों के लिए सर्वश्रेष्ठ पिचों का निर्माण किया और टीम में यह भरोसा पैदा किया कि वह किसी भी दुनिया की शीर्ष टीम को मात देने का दम रखती है। मिडफील्डर निक्की प्रधान ने कहा, 'जब हमें अपने संघ से इतना समर्थन प्राप्त है तो इससे हमेशा बेहतर प्रदर्शन करने की प्रेरणा मिलती है। हम जब भी मैदान पर उतरते हैं तो अपना सर्वश्रेष्ठ देने की कोशिश करते हैं।'