नोवी कपाड़‍िया की मदद के लिए आगे आये पूर्व भारतीय कोच और स्‍टूडेंट हरेंद्र सिंह

नोवी कपाड़‍िया और हरेंद्र सिंह
नोवी कपाड़‍िया और हरेंद्र सिंह

दुर्लभ न्‍यूरोलॉजिकल संबंधी विकार से जूझ रहे दिग्‍गज कमेंटेटर, लेखक और फुटबॉल विशेषज्ञ नोवी कपाड़‍िया की हालत कोरोना वायरस के दौरान ज्‍यादा बिगड़ गई और अब वह 100 प्रतिशत व्‍हीलचेयर पर निर्भर हो गए हैं। दिल्‍ली यूनिवर्सिटी के पूर्व इंग्लिश प्रोफेसर के पास कोई परिवार का सदस्‍य नहीं है और उन्‍हें पिछले साल फरवरी से पेशेवर देखभाल करने वालों पर निर्भर होना पड़ रहा है। शनिवार को हालांकि नोवी कपाड़‍िया के चेहरे पर दुर्लभ मुस्‍कान आई। कपाड़‍िया के श्री गुरु तेज बहादुर खालसा कॉलेज पूर्व स्‍टूडेंट हरेंद्र सिंह ने फोन किया और पूर्व भारतीय कोच ने सभी तरह की मदद का प्रस्‍ताव दिया।

68 साल के नोवी कपाड़‍िया का एंटीरियर हॉर्न सेल डिसीज (एएचसीडी) दुर्लभ मोटर-न्‍यूरोन डीजनरेटिव डिसऑर्डर का उपचार चल रहा है। नोवी कपाड़‍िया दिसंबर 2019 में अपने घर में सीढ़‍ियों से फिसलकर गिर गए थे। मगर पिछले साल उनकी स्थिति और ज्‍यादा बिगड़ी कि उनके शरीर के निचले हिस्‍से और दाएं हाथ ने काम करना बंद कर दिया। उनके ऊपरी शरीर के कुछ ही हिस्‍से चल रहे हैं। कुछ महीने पहले वह किसी की सहायता से घर में चल पा रहे थे, लेकिन अब स्थिति पूरी तरह बदल चुकी है। वह बिलकुल नहीं चल पा रहे हैं।

हरेंद्र सिंह अपने गुरु नोवी कपाड़‍िया की मदद के लिए आगे आए

नोवी कपाड़‍िया का हाल जानते ही हरेंद्र सिंह डॉक्‍टर बीके नायक को लेकर अपने पूर्व गुरु के घर पहुंचे। बीके नायक भारतीय आर्मी में कर्नल थे। इस समय वह दिल्‍ली के सफदरजंग अस्‍पताल में स्‍पोर्ट्स इंजुरी सेंटर के अध्‍या हैं। वह अंतरराष्‍ट्रीय हॉकी संघ के स्‍वास्‍थ्‍य और सुरक्षा समिति के चेयरमैन भी रह चुके हैं। हरेंद्र सिंह ने टाइम्‍स ऑफ इंडिया से बातचीत करते हुए कहा, 'नोवी कपाड़‍िया सिर्फ मेरे गुरु ही नहीं बल्कि भारतीय खेल के महान सेवक रहे हैं। ऐसा नहीं कि जो भारत के लिए खेले हैं, वहीं हमारी खेल कम्‍यूनिटी का हिस्‍सा हैं। कपाड़‍िया सर जैसे लोगों ने भी बड़ी भूमिका निभाई है।'

हरेंद्र सिंह ने याद किया, 'मुझे याद है कि नोवी कपाड़‍िया सर ने हमारे खेल विभागाध्‍यक्ष को कॉलेज में कहा था- ये लड़का इंडिया खेलेगा।' डॉक्‍टर नायक ने कपाड़‍िया की स्थिति जांचने के बाद उनके फिजियोथेरेपी सत्र में एक और एक्‍सरसाइज जोड़ी है, जो उनके घर में सप्‍ताह में छह दिन होती है।

हरेंद्र सिंह ने कहा कि वह नोवी कपाड़‍िया की दवाई और फिजियोथेरेपी दोनों का ध्‍यान रखेंगे। हरेंद्र सिंह ने कहा, 'मैं दवाई ले आऊंगा और डॉक्‍टर नायक ने जो उपकरण मंगाया है, उसे भी मंगवा दूंगा। मैं जो बन सकेगा, नोवी कपाड़‍िया सर की मदद के लिए करूंगा।' बीमारी के बारे में डॉक्‍टर नायक ने बताया कि यह आनुवांशिक विकार है। डॉक्‍टर नायक ने कहा, 'यह आनुवांशिक है, लेकिन इसका पता करना नामुमकिन है कि कहां से ये आया। मगर हम प्रक्रिया को धीमा कर सकते हैं। नोवी कपाड़‍िया को समर्थन की जरूरत है क्‍योंकि वह जल्‍द ही अपने सभी सेविंग्‍स इलाज में गंवा सकते हैं। मैं साई के महानिदेशक से जल्‍द ही इस बारे में बात करूंगा।'

नोवी कपाड़‍िया दिल्‍ली यूनिवर्सिटी से मिल रही पेंशन पर आश्रित है, जिसे पिछले साल नीति में बदलाव के बाद विलंब के बाद दोबारा शुरू किया गया। मार्च 2020 में खेल मंत्री किरेन रीजीजू ने कपाड़‍िया के लिए 4 लाख रुपए की आर्थिक सहायता की मंजूरी दी थी।

Edited by Vivek Goel
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