पीआर श्रीजेश ने जीता वर्ल्ड गेम एथलीट का खिताब, सम्मान जीतने वाले दूसरे भारतीय बने

वर्ल्ड ऐथलीट का खिताब जीतने वाले श्रीजेश पहले भारतीय पुरुष खिलाड़ी हैं।
वर्ल्ड ऐथलीट का खिताब जीतने वाले श्रीजेश पहले भारतीय पुरुष खिलाड़ी हैं।

भारतीय हॉकी टीम के सबसे अनुभवी गोलकीपर पीआर श्रीजेश को साल 2021 के लिए वर्ल्ड गेम एथलीट अवॉर्ड से नवाजा गया है। श्रीजेश ये खिताब जीतने वाले दूसरे भारतीय खिलाड़ी हैं। उनसे पहले 2020 में भारतीय महिला हॉकी टीम की कप्तान रानी रामपाल ने ये खिताब जीता था। श्रीजेश को खासतौर पर पिछले साल टोक्यो ओलंपिक में भारतीय हॉकी टीम को कांस्य पदक दिलाने में अहम भूमिका निभाने के लिए नामित किया गया था और सबसे ज्यादा वोट मिलने के कारण उन्हें ये सम्मान मिला है।

क्या है ये पुरस्कार

इंटरनेशनल वर्ल्ड गेम्स असोसिएशन, जो कि अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति की ओर से मान्यता प्राप्त है, एक अंतर्राष्ट्रीय संस्थान है जो हर 4 चार के अंतराल पर वर्ल्ड गेम्स का आयोजन कराती है। इन गेम्स में ऐसे खेलों को शामिल किया जाता है जो आमतौर पर ओलंपिक में जगह नहीं बना पाते। इसी असोसिएशन की ओर से हर साल सभी खेल प्रतियोगिताओं, और स्पर्धाओं में बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को साल का सर्वश्रेष्ठ ऐथलीट चुनने के लिए नामित किया जाता है। 2021 के लिए पीआर श्रीजेश समेत कुल 24 खिलाड़ियों और टीमों को नामित किया गया था। इस पुरस्कार के लिए संबंधित खेल समितियों की ओर से नाम भेजे जाते हैं और ओलंपिक में शामिल खेलों के खिलाड़ियों को भी जीतने का मौका मिलता है।

सर्वाधिक वोट श्रीजेश के नाम

फाइनल दौर की वोटिंग के लिए श्रीजेश ने क्वालिफाय किया। श्रीजेश ने आखिरी दौर में कुल 1,27,647 वोट जीतकर पहला स्थान हासिल किया और एथलीट ऑफ द ईयर बने। टोक्यो ओलंपिक में पहली बार शामिल हुए रॉक क्लाइंबिंग के खेल में गोल्ड मेडल जीतने वाले स्पेन के ऐलबर्टो गिनेज लोपेज 67,428 वोट के साथ दूसरे नंबर पर रहे। वहीं वुशू के खेल में दुनियाभर में नाम कमाने वाले इटली के माइकल जियोर्डानो को तीसरे नंबर से संतोष करना पड़ा।

श्रीजेश ने जीत के बाद FIH को उन्हें नामित करने के लिए धन्यवाद दिया। इसके साथ ही हॉकी इंडिया, अपनी हॉकी टीम के सदस्यों, कोच और वोट देने वाले सभी फैंस का भी धन्यवाद दिया। 33 साल के श्रीजेश ने 2021 के लिए FIH सर्वश्रेष्ठ गोलकीपर का अवॉर्ड भी जीता था। टोक्यो ओलंपिक में भारतीय हॉकी टीम ने 41 साल के बाद कोई पदक अपने नाम किया था। पूरे टूर्नामेंट में भारत ने सिर्फ 2 मुकाबले गंवाए वो भी अपने से ऊंची रैंकिंग की टीमों के खिलाफ। कांस्य पदक के लिए हुए मुकाबले में टीम ने जर्मनी को हराकर इतिहास रचा। बतौर गोलकीपर श्रीजेश ने बेहतरीन प्रदर्शन किया और टीम को पदक की राह पर ले जाने में खास योगदान दिया। पिछले 16 सालों से अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर श्रीजेश भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।

Edited by Prashant Kumar
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