भारतीय महिला हॉकी टीम की कप्तान रानी रामपाल का मानना है कि पुरुष हॉकी टीम के जैसे बराबर मौके और शानदार जूनियर प्रोग्राम ने महिला राष्ट्रीय टीम के प्रदर्शन में सुधार में योगदान दिया है। भारतीय महिला हॉकी टीम ने पिछले कुछ टूर्नामेंट में दमदार प्रदर्शन किया और कई शीर्ष टीमों को मात दी, जिसमें 2018 एशियाई गेम्स में सिल्वर मेडल और लगातार ओलंपिक्स के लिए क्वालीफाई करना शामिल है।
रानी रामपाल ने कहा, 'मेरा मानना है कि हमारे सुधरे हुए प्रदर्शन में संघ द्वारा पेशेवर सिस्टम को बढ़ावा देना प्रमुख है। हमारे जूनियर प्रोग्राम अच्छे हैं, जिससे युवा प्रतिभाएं मिलती हैं।' रानी रामपाल ने कहा कि युवा खिलाड़ियों को सीनियर टीम में अच्छी तरह जगह दी जा रही है और ज्यादा अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट्स में प्रतिस्पर्धा करने से टीम को सही अनुभव मिल रहा है। रानी रामपाल ने कहा, 'लालरेमसियामी या सलीमा टेटे जैसी युवा खिलाड़ी ने ब्यूनस आयर्स में 2018 यूथ ओलंपिक गेम्स में सिल्वर मेडल जीता और फिर इन्होंने बड़े अच्छी तरह सीनियर टीम में अपनी जगह पक्की की। यह सुनिश्चित करना कि हमें पुरुष टीम के समान ज्यादा अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट खेलने के मौके मिले, जिससे टीम सही दिशा में आगे बढ़ी और युवाओं को विश्वास मिला।'
रानी रामपाल को ओलंपिक में कमाल का भरोसा
पिछले महीने राजीव गांधी खेल रत्न अवॉर्ड जीतने वाली पहली महिला हॉकी खिलाड़ी बनीं रानी रामपाल ने कहा कि वह अपनी टीम को 2021 टोक्यो ओलंपिक्स में लगातार बेहतर प्रदर्शन करने के लिए प्रोत्साहित करती रहेंगी।
रानी रामपाल ने कहा, 'देखिए किस तरह पीवी सिंधू और साइना नेहवाल की जिंदगी बदल गई जब उन्होंने ओलंपिक गेम्स में अच्छा प्रदर्शन किया। ये देश की खेल आइकॉन नहीं, लेकिन आत्म-निर्भर, स्वतंत्र महिला हैं और ऐसा इसलिए क्योंकि अपने खेल में उपलब्धि हासिल की। मैं अपनी टीम के लिए भी इसी तरह की सफलता की कामना करती हूं और हम इसी दिशा में काम कर रहे हैं। हमारे अंदर आगे बढ़ने की आग और भूख है। हमें पता है कि ओलंपिक में बेहतर प्रदर्शन करने से हम सभी की जिंदगी पूरी तरह बदल जाएगी।'
युवाओं को हॉकी बतौर करियर अपनाने की सलाह देते हुए रानी रामपाल ने कहा कि खेल ने उनकी टीम के सदस्यों को बहुत युवा उम्र में आर्थिक स्वतंत्रता दिलाई और वह अपने परिवारों की जरूरतें पूरी करने के लिए बेहतर स्थिति में हैं। रानी रामपाल ने कहा, 'मेरे ख्याल से 15 साल पहले कोई कहे कि हमें हॉकी में करियर बनाना है तो उस पर खुलकर लोग हंसते होंगे क्योंकि सवाल यही था कि कैसे जिंदगी काटी जाएगी। मगर अब खेल में चीजें बहुत बड़े स्तर पर बदल चुकी हैं।'