भारतीय महिला हॉकी टीम की धुरंधर खिलाड़ी पूनम रानी मलिक से Exclusive बातचीत

भारतीय महिला हॉकी टीम के लिए साल 2018 काफ़ी महत्वपूर्ण होने वाला है, क्योंकि इस साल टीम इंडिया को तीन बड़े टूर्नामेंट में शिरकत करनी है। इस साल भारतीय महिला हॉकी टीम के फ़ैंस की नज़र कॉमनवेल्थ गेम्स, हॉकी वर्ल्ड कप और एशियन गेम्स पर टिकी हुई है। पिछला साल भारतीय महिला खिलाड़ियों के लिए फ़िट्नेस के लिहाज़ से अच्छा नहीं रहा था, कई खिलाड़ियों को चोट से जूझना पड़ा था। उनमें से एक हैं भारत की शानदार स्ट्राइकर और सबसे ज़्यादा गोल करने वाली महिला खिलाड़ियों में से एक पूनम रानी मलिक। भारत के लिए 150 से ज़्यादा अंतर्राष्ट्रीय मैच खेलने वाली 25 वर्षीय पूनम मलिक क़रीब एक साल के बाद चोट से वापसी कर रही हैं। पूनम फ़िलहाल रांची में हैं जहां वह चोट से वापस आने के बाद सीनियर विमेंस राष्ट्रीय चैंपियनशिप में हरियाणा की तरफ़ से खेल रही हैं। पूनम रांची में चल रही इस प्रतियोगिता में अपना 100 फ़ीसदी दे रही हैं और उनकी कोशिश है कि जल्द से जल्द वह एक बार फिर भारत के लिए भी पहले की ही तरह जलवा बिखेरें। हाल ही में बैंगलोर में हुए यो यो टेस्ट में भी पूनम सफल रही हैं, जिसमें उनका स्कोर 19 था। इस स्टार खिलाड़ी ने स्पोर्ट्सकीड़ा के लिए वरिष्ठ खेल संवाददाता सैयद हुसैन से कई मुद्दों पर खुल कर बात की और अपना अगला लक्ष्य जल्द से जल्द भारतीय टीम में लौटने को बताया। पूनम ने हाल ही में अंडर-19 वर्ल्डकप जीतने वाली भारतीय क्रिकेट टीम को भी जीत की बधाई दी। सैयद हुसैन: पिछले साल कनाडा में वर्ल्ड हॉकी लीग में चैंपियन रही टीम के साथ आप शामिल थीं, लेकिन फिर लगातार चोट ने आपको क़रीब साल भर मैदान से दूर रखा, कैसे देखती हैं आप उस वक़्त को ? पूनम रानी मलिक: वह ऐसा वक़्त था जिसमें आप कुछ नहीं कर सकते हैं, मेरे साथ तो दो दो इंजरी हुई। एक चोट से पूरी तरह उबरी भी नहीं थी कि दोबारा चोट लगी और वह ज़्यादा ख़तरनाक थी। मुझे सर्जरी से भी गुज़रना पड़ा था, डॉक्टर्स ने मुझसे कहा था कि 7 महीने आपको लग जाएंगे दोबारा मैदान में उतरने के लिए। और उपर वाली कृपा है कि मैं 6 महीने बाद आज वापसी की राह पर हूं, मेरा अगला सपना अब टीम इंडिया के लिए दोबारा खेलना है। सैयद हुसैन: हाल ही में बैंगलोर में क़रीब 33 खिलाड़ियों को ‘यो-यो’ टेस्ट से गुज़रना पड़ा था जिसमें आप भी थीं, कितनी बड़ी परीक्षा थी आपके लिए ? पूनम रानी मलिक: जी बिल्कुल, मैं सर्जरी के बाद वापसी कर रही थी। मुझे डर भी लग रहा था लेकिन अपने उपर आत्मविश्वास भी था, जिसका ही परिणाम था कि मेरा स्कोर यो यो टेस्ट में 19 रहा। मेरे प्रदर्शन से सारे सपोर्ट स्टाफ़ भी ख़ुश थे, जिसे देखकर मुझे अच्छा लगा। सैयद हुसैन: भारत को इस साल तीन बड़े टूर्नामेंट खेलने हैं जिसमें कॉमनवेल्थ गेम्स, एशियन गेम्स और वर्ल्डकप भी है, आप इसके लिए ख़ुद को और टीम को कितना तैयार मान रही हैं ? पूनम रानी मलिक: मुझे ख़ुद पर पूरा भरोसा है और मैं इसके लिए अपना 100 फ़ीसदी दे रही हूं। मैं कहीं से भी किसी तरह मेहनत में कमी नहीं कर रही, बाक़ी तो क़िस्मत और मैदान पर होने वाले प्रदर्शन पर निर्भर करता है। कोच हरेन्द्र सिंह की देख रेख में पूरी टीम जमकर तैयारी कर रही है जिसका असर मैदान पर ज़रूर दिखेगा। सैयद हुसैन: हरियाणा सरकार कई सालों से आपको नौकरी देनी की बात करती आई है, क्या वायदों से आगे बढ़ी है बात ? पूनम रानी मलिक: अभी पिछले ही महीने खेल मंत्री अनिल विज से मुलाक़ात हुई थी, जहां उन्होंने हमेशा की तरह फिर आश्वासन दिया है। इससे ज़्यादा मैं क्या कहूं, बस यही कहूंगी कि उम्मीद पर दुनिया क़ायम है। सैयद हुसैन: अभी अभी अंडर-19 क्रिकेट वर्ल्डकप में भारतीय क्रिकेट टीम चैंपियन बनी, कुछ कहना चाहेंगी आप ? पूनम रानी मलिक: जी बिल्कुल, ये शानदार और इस उपलब्धि के लिए मैं कोच राहुल द्रविड़ और कप्तान पृथ्वी शॉ के साथ साथ सभी खिलाड़ियों को बधाई देना चाहूंगी जिन्होंने हमारे देश का नाम रोशन किया। साथ ही साथ मुझे ये देखकर भी अच्छा लगा कि जब न्यूज़ीलैंड में ही भारतीय पुरुष हॉकी टीम मौजूद थी तो राहुल द्रविड़ और पूरी टीम उनका मैच देखने पहुंची थी और हौसला अफ़ज़ाई करने गई थी जो वाक़ई शानदार था। सैयद हुसैन: देश में महिलाओं के साथ आए दिन जिस तरह की हिंसक घटनाएं घटती रहती हैं, उसपर क्या कहना चाहेंगी ? पूनम रानी मलिक: इसको लेकर मेरी सरकार से अपील है कि सिर्फ़ नारों से काम नहीं चलेगा, महिलाओं की सुरक्षा के लिए बड़े क़दम उठाने बेहद ज़रूरी हैं। मैं तो चाहूंगी कि बलात्कार के दोषियों को फांसी की सज़ा का प्रावधान होना चाहिए। सैयद हुसैन: युवा बच्चों के लिए सरकार के इस ‘’खेलो इंडिया’’ को लेकर आपकी क्या राय है ? पूनम रानी मलिक: ये बहुत अच्छा क़दम है सरकार का, जिससे वे बच्चे खेल के प्रति आगे आएंगे जिन्हें संसाधनों और पैसों की कमी की वजह से खेल में करियर बनाने में परेशानी होती थी। मेरी नज़र में ये सरकार की बेहतरीन पहल है। सैयद हुसैन: एक आख़िरी सवाल, और वह ये कि अक्सर आपका आरोप रहता है कि हम पत्रकार हॉकी को कम और क्रिकेट को ज़्यादा बढ़ावा देते हैं, क्या अभी भी आप यही कहेंगी ? पूनम रानी मलिक: हा हा हा... (हंसते हुए), नहीं नहीं, अब ये मेरी शिक़ायत नहीं है। अब आप और दूसरे पत्रकार भी सभी खेलों को बढ़ावा देते हैं। और साथ ही साथ धोनी और कोहली भी दूसरे खेलों की हौसला अफ़ज़ाई के लिए आगे आते हैं, जो सच में शानदार है, क्योंकि क्रिकेट हो या हॉकी या फिर कोई भी खेल नाम तो देश का ही होता है।

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