भारत को आज नेशनल स्पोर्ट्स क्लब आफ इंडिया में रितु फोगाट के माध्यम से पहली बार वन चैम्पियनशिप ब्रांड के मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स (एमएमए) स्किल्स देखने को मिले। रितु ने 28 फरवरी को सिंगापुर इंडोर स्टेडियम में चीन की प्रो एमएमए फाइटर वू चियाओ चेन के साथ होने वाली ‘वन : किंग आफ द जंगल’ भिड़त से पहले यहां एमएमए स्किल्स का मुजायरा पेश किया।
एशियाई इतिहास की सबसे बड़ी वैश्विक स्पोर्ट्स मीडिया प्रॉपर्टी- वन चैम्पियनशिप (वन) ने आज यहां आधिकारिक वन : किंग आफ द जंगल ओपन वर्कआउट का आयोजन किया, जहां भारतीय कुश्ती की सुपरस्टार रितु फोगाट ने रोमांचक वर्कआउट सेशन में हिस्सा लिया और साथ ही साथ इस कला और एमेच्योर कुश्ती से एमएमए में आने के अपने अब तक के सफर के बारे में खुलकर बात की।
महान कुश्ती कोच महावीर सिंह फोगाट की बेटी रितु ने आठ साल की उम्र से ही कुश्ती में अपनी कला का प्रदर्शन करना शुरू कर दिया था। अब वह एमएमए में सफलता की नई ऊंचाई की ओर अग्रसर हैं। फोगाट ने अपने समर्पण और स्किल्स को बहुत जल्दी आत्मसात करने के अपने नैसर्गिक गुणों के कारण बीते साल एमएमए में डेब्यू के साथ ही सफलता का स्वाद चखा और वन चैम्पियनशिप के मुकाबले में नाम ही किम को पहले ही दौर में टेक्नीकल नॉकआउट कर दिया। वह इस चैम्पिनयशिप में अब तक अजेय हैं।
वन एथलीट रितु ने कहा, ‘‘मैं भारत में फैंस और मीडिया के सामने अपने स्किल्स दिखाकर सम्मानित महसूस कर रही हूं। मेरा करियर शानदार रहा है लेकिन जब मैंने मिक्स्ड मार्शल आटर्स में आने का फैसला किया तब मैं इस खेल से जुड़े रिस्क और पुरस्कार के बारे में जानती थी। एक एथलीट होने के नाते किसी भी चुनौती के लिए तैयार हूं। मैं दुनिया की श्रेष्ठ मिक्स्ड मार्शल आर्टिस्ट बनना चाहती हूं और मैं बनकर रहूंगी। सिंगापुर के इवाल्व में इलीट वलर्ड चैम्पियंस के साथ काम करने से मेरी कला निखरकर आई है और अब मैं एक सम्पूर्ण फाइटर बन चुकी हूं। मैं जानती हूं कि मुझे अभी काफी लम्बा रास्ता तय करना है लेकिन मैं जब तक अपने लक्ष्य तक नहीं पहुंच जाती, तब तक रुकूंगी नहीं। मेरा सपना भारत को उसका पहला मिक्स्ड मार्शल आटर्स वलर्ड चैम्पियन देना है।’’
एमएमए में आने से पहले रितु तीन बार राष्ट्रीय चैम्पियनशिप जीत चुकी थीं और साथ ही उनके नाम 2016 कामनवेल्थ रेसलिंग चैम्पियनशिप का स्वर्ण भी था। 2017 में रितु ने पोलैंड में आयोजित वलर्ड अंडर-23 रेसलिंग चैम्पियनशिप में रजत पदक जीत। वह यह पदक जीतने वाली भारत की पहली महिला पहलवान बनी थीं।
इन तमाम उपलब्धियों के बावजूद रितु ने एमएमए के गले लगाया और सिंगापुर चली गईं। सिंगापुर मे रितु ने विश्व प्रसिद्ध इवाल्व एमएमए का दामन थामा, जहां वह अभी कई मुआये थाई और ब्राजीली जीयू-जित्सू वलर्ड चम्पियंस के साथ अभ्यास करते हुए खुद को इस खेल में माहिर बना रही हैं।
वन चैम्पियनशिप के चीफ कामर्शियल आफिसर हरि विजयराजन ने कहा, ‘‘भारतीय खेलों का गौरवमयी इतिहास कबड्डी और कुश्ती जैसे कांटेक्ट स्पोटर्स से भरा पड़ा है। इन खेलों के माध्यम से भारतीय न सिर्फ रोमांचित होते हैं बल्कि अपने देश पर गर्व भी करते हैं। वन चैम्पियनशिप प्लेटफार्म रितु फोगाट जैसे एथलीटों को ग्लोबल स्टेज पर भारत का प्रतिनिधित्व करने का मौका देता है। वन चैम्पियनशिप सत्यनिष्ठता, विनम्रता, साहस, अनुशासन, गर्व, सम्मान और करुणा के सच्चे एशियाई मूल्यों का उत्सव है और रितु जैसे नायकों के माद्यम से अपनी कहानी कहना चाहते हैं। एसी कहानियों के माध्यम से हम लाखों भारतीयों को खुद का सबसे अच्छा वर्जन (संस्करण) बनने के लिए प्रेरित करना चाहते हैं।’’
25 साल की रितु ने अपने डेब्यू में प्रभावित किया है। अब उन्हें अपनी अगली फाइट में डेब्यूटेंट वू को परास्त करके यह साबित करना होगा कि इस खेल में उनका आत्मविश्वास और समर्पण नई ऊंचाई तक पहुंच चुका है। एसे में जबकि पूरा देश रितु को फालो कर रह है, रितु का लक्ष्य भारत को उसका पहला मिक्स्ड मार्शल आटर्स वलर्ड चैम्पियन देना है औऱ वह भी दो साल के भीतर। यही रितु का लक्ष्य है।
‘वन : किंग आफ द जंगल’ का आयोजन 28 फरवरी को सिंगापुर इंडोर स्टेडियम मे होना है। इसके मेन इवेंट में टू स्पोर्ट वन वलर्ड चैम्पियन थाईलैंड की स्टैम्प फेयरटैक्स अमेरिका की जेनेट जेटी टाड से भिड़ते हुए अपनी वन एटामवेट किकबाक्सिंग वलर्ड टाइटिल की रक्षा करना चाहेंगी।
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