हाल ही में दिल्ली में संपन्न आईएसएसएफ विश्व कप ने टोक्यो ओलंपिक्स से पहले भारतीय शूटर्स का मनोबल बढ़ाया है। 1986 में इस इवेंट की शुरूआत हुई थी और इसने मेडलिस्ट देशों में भारत की स्थिति विश्व रैंकिंग में मजबूत की है। पिछले सप्ताह भारत ने कुल 30 मेडल (15 गोल्ड, 9 सिल्वर और 6 ब्रॉन्ज) जीते। भारत ने ऑवरऑल विश्व कप मेडल्स 127 (50 गोल्ड, 39 सिल्वर और 38 ब्रॉन्ज) कर लिए हैं। पिछले दो साल में भारत ने अपनी मेडल टैली 75 से बढ़ाकर 127 पर पहुंचा दी है। भारत सिर्फ दो सीजन में 30वें स्थान पर कहीं था, जहां से छलांग लगाकर 10वें स्थान पर पहुंच गया है।
चीन 835 मेडल (317 गोल्ड, 286 सिल्वर और 232 ब्रॉन्ज) के साथ पहले जबकि अमेरिका 563 मेडल (199 गोल्ड, 181 सिल्वर और 183 ब्रॉन्ज) के साथ दूसरे स्थान पर काबिज है। भारत ने 2019 से कुल 52 मेडल (31 गोल्ड, 13 सिल्वर और 8 ब्रॉन्ज) जीते हैं। इसमें से 20 मेडल (13 गोल्ड, 3 सिल्वर और 4 ब्रॉन्ज) मिक्स्ड टीम इवेंट्स से आए हैं। यह किसी भी देश द्वारा सबसे ज्यादा मेडल जीतने का रिकॉर्ड है। इस मामले में चीन 16 मेडल (5 गोल्ड, 7 सिल्वर और 4 ब्रॉन्ज) के साथ दूसरे स्थान पर है।
नेशनल राइफल एसोसिएशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष रणिंदर सिंह ने टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत में कहा, 'मिक्स्ड टीम इवेंट्स हमारे लिए वाकई गेमचेंजर साबित हुए। मुझे याद है कि तब काफी रोना-धोना मचा था जब आईएसएसएफ ने 50 मीटर राइफल प्रोन, 50 मीटर पिस्टल और डबल ट्रैप इवेंट्स को मिक्स्ड टीम इवेंट्स में शामिल करने का आदेश दिया था। मगर आपने देखा कि कैसे हमने इन इवेंट्स में बेहतरीन प्रदर्शन किया।'
रणिंदर सिंह ने आगे कहा, 'मगर देखिए आईएसएसएफ ने क्या किया है। पिछले कुछ सालों में हमने कई चीजें की है, जिसने हमें लाभ पहुंचाया है। इनमें से एक बड़ी बात है अपने कोच पर विश्वास करना और विदेशी साथियों पर कम निर्भर होना। हम सिस्टम में पूर्व शूटर्स को लेकर आए। इन्होंने युवाओं के साथ करीब से काम किया और बहुत कुछ बाहर निकाला, जितना शायद विदेशी कोच नहीं कर पाता।'
भारत को ओलंपिक्स में दमदार प्रदर्शन का भरोसा
2016 रियो ओलंपिक्स में खराब प्रदर्शन के बाद एनआरएआई ने अपने जूनियर प्रोग्राम पर ध्यान केंद्रित किया। संघ ने जूनियर शूटर्स को अगर क्वालीफाई कर सकें तो सीनियर टीम में जगह बनाने की अनुमति भी दी। इस रणनीति में बदलाव से सौरभ चौधरी, मनु भाकर, अनीश भानवाला, ईशा सिंह और ऐलावेनिल वालारिवान जैसे शूटर्स उभरकर सामने आए। भारत टोक्यो गेम्स में 15 शूटर्स भेजेगा और देश को इनसे मेडल की काफी उम्मीदें हैं।