CWG 2022 : निशानेबाजी के बिना क्या रहेगी भारत की पदक तालिका की हालत? 

कॉमनवेल्थ खेलों के इतिहास में भारत ने सबसे ज्यादा मेडल शूटिंग में ही जीते हैं।
कॉमनवेल्थ खेलों के इतिहास में भारत ने सबसे ज्यादा मेडल शूटिंग में ही जीते हैं।

साल 2006 के कॉमनवेल्थ खेलों में भारत के निशानेबाज समरेश जंग के 'गोल्डफिंगर' के नाम से पुकारा जाने लगा। इसकी वजह थी कि एयर पिस्टल स्पेशलिस्ट जंग ने इन खेलों में 5 गोल्ड, 1 सिल्वर और 1 ब्रॉन्ज मिलाकर कुल 7 मेडल जीते थे। उस साल भारत लगातार दूसरी बार शूटिंग में सबसे अधिक पदक जीतने में कामयाब रहा था और देश की पदक तालिका पर भी निशानेबाजी से मिले मेडल्स की वजह से भारी असर पड़ा था। सिर्फ 2006 ही नहीं, साल 2002 से लेकर 2018 तक के खेलों में भारत की पदक तालिका का एक बड़ा हिस्सा शूटिंग का रहा है। लेकिन इस बार बर्मिंघम खेलों से शूटिंग को हटाए जाने के कारण भारत की पदक तालिका पर गहरा असर पड़ना तय है।

2018 कॉमनवेल्थ गेम्स के 50 मीटर रायफल 3 पोजिशन गोल्ड के साथ भारत की तेजस्विनी (बीच में)।
2018 कॉमनवेल्थ गेम्स के 50 मीटर रायफल 3 पोजिशन गोल्ड के साथ भारत की तेजस्विनी (बीच में)।

साल 1966 के किंग्स्टन खेलों में पहली बार शूटिंग को शामिल किया गया था। इसके बाद 1970 को छोड़कर हर बार निशानेबाजी को खेलों में प्रमुखता से शामिल किया गया है। निशानेबाजी हमेशा से वैकल्पिक स्पोर्ट के रूप में कॉमनवेल्थ खेलों का हिस्सा रहा है, ऐसे में इस बार बर्मिंघम के आयोजकों ने इसे हटा दिया। कॉमनवेल्थ खेलों के इतिहास में शूटिंग की अलग-अलग स्पर्धाओं में कुल 886 पदक दिए गए हैं जिनमें से भारत ने 135 मेडल जीते हैं और गोल्ड मेडल के आधार पर ऑस्ट्रेलिया के बाद दूसरे स्थान पर है।

देशगोल्ड (शूटिंग में)सिल्वर(शूटिंग में)ब्रॉन्ज(शूटिंग में)कुल पदक
ऑस्ट्रेलिया706045175
भारत634428135
इंग्लैंड496067176
कनाडा394038117
न्यूजीलैंड15162152

यही नहीं भारत ने कॉमनवेल्थ खेलों के इतिहास में आज तक कुल 181 गोल्ड मेडल जीते हैं जिनमें से 63 गोल्ड शूटिंग से आए हैं जो कुल गोल्ड मेडल का करीब 35 फीसदी है। पिछली बार गोल्ड कोस्ट 2018 खेलों में भारत ने 26 गोल्ड जीते जिनमें से 7 मेडल शूटिंग से आए थे। उससे पहले भी लगातार हर बार शूटिंग में काफी गोल्ड मेडल भारत जीतता रहा है।

खेलकुल गोल्ड मेडलशूटिंग में कुल गोल्ड
2018 गोल्ड कोस्ट 267
2014 ग्लासगो154
2010 दिल्ली3814

किसी भी खेल आयोजन में पदक तालिका में देशों की स्थिति गोल्ड मेडल की संख्या से निर्धारित होती है और इस बार शूटिंग का न होना भारत को काफी खलने वाला है। शूटिंग की गैरमौजूदगी में भारत को सबसे ज्यादा पदकों की उम्मीद कुश्ती से होगी। 2014 के ग्लासगो खेलों में भारत ने शूटिंग से भी ज्यादा गोल्ड मेडल कुश्ती में जीते थे। वहीं बॉक्सिंग, बैडमिंटन, वेटलिफ्टिंग, एथलेटिक्स में देश को और अच्छा प्रदर्शन करते हुए मेडल लाने होंगे।

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Edited by Prashant Kumar
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