बर्मिंघम कॉमनवेल्थ खेलों में इस बार भारतीय खिलाड़ियों से स्क्वॉश में मेडल की काफी ज्यादा उम्मीदे हैं। मौजूदा महिला डबल्स विश्व चैंपियन दीपिका पल्लीकल और जोशना चिनप्पा की जोड़ी कॉमनवेल्थ खेलों में भी इसी स्पर्धा में भाग लेती दिखेगी। इस जोड़ी ने साल 2014 में महिला डबल्स का गोल्ड जीता था, और ये स्क्वॉश के खेल में भारत का इकलौता कॉमनवेल्थ गोल्ड है। इन दोनों के साथ ही कुल 9 भारतीय खिलाड़ी स्क्वॉश में अपना दम दिखाएंगे।
पुरुष सिंगल्स में विश्व नंबर 15 सौरव घोषाल के साथ अभय सिंह और रमित टंडन खेलेंगे। सौरव ने इसी साल दीपिका पल्लीकल के साथ विश्व चैंपियनशिप्स का गोल्ड जीता था। सौरव-दीपिका ने साल 2018 के कॉमनवेल्थ खेलों में मिक्स्ड डबल्स का सिल्वर मेडल जीता था। इस बार दोनों इस मेडल का रंग बदलकर सोना जीतना चाहेंगे। वहीं रमित टंडन जोशना चिनप्पा के साथ मिक्स्ड डबल्स में भी उतरेंगे।
महिला सिंगल्स में विश्व नंबर 17 जोशना चिनप्पा, सुनन्या कुरुविला और अनाहत सिंह भाग लेंगी। 14 साल की अनाहत सिंह स्क्वॉश में अंडर-15 एशियन चैंपियन हैं और इस बार कॉमनवेल्थ खेलों में भारतीय दल में शामिल सबसे युवा खिलाड़ी होंगी। पुरुष डबल्स में भारतीय टीम से दो जोड़िया खेलेंगी, रमित टंडन-हरिंदरपाल संधू, वेलवन सेंथिलकुमार-अभय सिंह साथ में नजर आएंगे।
स्क्वॉश का खेल साल 1998 में पहली बार कॉमनवेल्थ खेलों में शामिल किया गया था। पिछले 6 संस्करणों से ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड का इस खेल में दबदबा रहा है। ऑस्ट्रेलिया ने कुल 11 गोल्ड समेत 33 मेडल आज तक स्क्वॉश में जीते हैं जबकि इंग्लैंड के पास 9 गोल्ड समेत कुल 38 पदक हैं। भारत के पास 1 गोल्ड और 2 सिल्वर मेडल हैं। इस बार भारतीय खिलाड़ी ऑस्ट्रेलिया,और मेजबान इंग्लैंड के वर्चस्व को तोड़ने का प्रयास करेंगे। स्क्वॉश के सिंगल्स मुकाबले 29 जुलाई से शुरु होंगे और 3 जुलाई को सिंगल्स के मेडल मैच खेले जाएंगे। जबकि इसी दिन से डबल्स मैच शुरु होंगे।