जुड़वां बच्चों की मां बनने के कुछ ही महीनों बाद दीपिका पल्लीकल बनीं विश्व चैंपियन और अब कॉमनवेल्थ गेम्स मेडलिस्ट

दीपिका पल्लीकल का ये चौथा कॉमनवेल्थ मेडल है
दीपिका पल्लीकल का ये चौथा कॉमनवेल्थ मेडल है

भारत की दीपिका पल्लीकल ने महिला स्क्वॉश के खेल में देश को नई पहचान देने का काम किया। सिंगल्स में टॉप 10 रैंकिंग में रह चुकीं दीपिका ने हाल ही में मां बनने के बाद शानदार वापसी की। पहले तो दीपिका ने विश्व डबल्स चैंपियनशिप में दो गोल्ड मेडल जीते और अब बर्मिंघम कॉमनवेल्थ खेलों में ब्रॉन्ज जीत साबित किया है कि अभी उनमें काफी खेल बाकी है। दीपिका ने स्क्वॉश में सौरव घोषाल के साथ मिलकर मिक्स्ड डबल्स का ब्रॉन्ज जीता।

मूल रूप से कोट्टायम केरल की रहने वाली दीपिका के पति भारतीय क्रिकेट टीम के सदस्य रह चुके दिनेश कार्तिक हैं। दोनों की शादी साल 2015 में हुई और पिछले ही साल उनके जुड़वां बेटे हुए हैं। लेकिन बेटों के जन्म के 7 महीने बाद ही दीपिका ने ग्लास्गो, स्कॉटलैंड में हुई विश्व डबल्स चैंपियनशिप में न सिर्फ भाग लिया बल्कि जोशना चिनप्पा के साथ महिला डबल्स और सौरव घोषाल के साथ मिक्स्ड डबल्स का गोल्ड जीता। पहली बार भारत ने इस प्रतियोगिता में कोई भी गोल्ड मेडल जीता।

दीपिका ने इसके बाद कॉमनवेल्थ खेलों की तैयारी की और सौरव के साथ मिक्स्ड डबल्स सेमीफाइनल तक पहुंची। हालांकि यहां उन्हें हार मिली लेकिन फिर ब्रॉन्ज मेडल के मैच में दीपका-सौरव ने शानदार खेल दिखाते हुए जीत दर्ज की। दीपिका का ये चौथा कॉमनवेल्थ गेम्स मेडल है। इससे पहले वो 2014 में ग्लास्गो कॉमनवेल्थ गेम्स में महिला डबल्स का गोल्ड जीत चुकी हैं। 2018 गोल्ड कोस्ट खेलों में दीपिका ने महिला डबल्स और मिक्स्ड डबल्स में सिल्वर जीता। खास बात ये है कि मिक्स्ड डबल्स के उनके पार्टनर सौरव उनके जीजा भी लगते हैं। सौरव, दीपिका की बहन दिया पल्लीकल के पति हैं।

दिनेश कार्तिक और दीपिका पल्लीकल अपने जुड़वां बच्चों को गोद में लिए हुए
दिनेश कार्तिक और दीपिका पल्लीकल अपने जुड़वां बच्चों को गोद में लिए हुए

दीपिका का झुकाव बचपन से ही खेलों की तरफ रहा। उनकी मां सूसन पल्लीकल भारत के लिए क्रिकेट भी खेल चुकी हैं। ऐसे में परिवार में भी खेलों का ही माहौल था। 2006 में अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट खेलने की शुरुआत करने वाली दीपिका ने इसके बाद पीछे मुड़कर नहीं देखा। साल 2011 में दीपिका ने 3 अंतरराष्ट्रीय खिताब जीत विश्व टॉप 20 में जगह बना ली थी। साल 2012 में दीपिका अर्जुन अवॉर्ड पाने वाली पहली महिला स्क्वॉश खिलाड़ी बनीं। पल्लीकल अपनी आवाज उठाने के लिए भी जानी जाती हैं। और साल 2012 से 2015 के बीच उन्होंने राष्ट्रीय चैंपियनशिप का बहिष्कार किया क्योंकि महिला चैंपियनशिप की इनामी धनराशि पुरुष चैंपियनशिप से कम थी। ऐसे में फेडरेशन ने जब दोनों की इनामी धनराशि बराबर की तभी दीपिका ने नेशनल चैंपियनशिप में भाग लेना शुरु किया।

दीपिका ने लगातार तीसरे कॉमनवेल्थ खेलों में पदक जीता है और वो भारतीय इतिहास की सफलतम महिला स्क्वॉश खिलाड़ी हैं। फिलहाल दीपिका अगले साल होने वाले एशियन गेम्स की तैयारियों में जुटने वाली हैं।

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Edited by Prashant Kumar