एक बड़े घटनाक्रम में दिल्ली हाईकोर्ट ने टेबल टेनिस फेडरेशन ऑफ इंडिया यानि TTFI को सस्पेंड करते हुए इसके स्थान पर एक प्रशासक नियुक्त करने का फैसला सुनाया है। कॉमनवेल्थ गेम्स गोल्ड मेडलिस्ट और ओलंपियन मनिका बत्रा ने पिछले साल राष्ट्रीय टीम के कोच सौम्यदीप रॉय के खिलाफ मैच फिक्सिंग का आरोप लगाते हुए कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, जिसके बाद कोर्ट ने इस पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुे ये फैसला लिया है।
क्या है मामला
पिछले साल मनिका बत्रा ने टोक्यो ओलंपिक में महिला सिंगल्स के तीसरे दौर में हार के बाद एक बयान में यह कहा था कि वह अपने निजी कोच के साथ ट्रेनिंग करना चाहती थीं और नेशनल कोच सौम्यदीप रॉय के साथ नहीं। ऐसे में ओलंपिक खत्म होने के बाद टेबल टेनिस फेडरेशन ऑफ इंडिया मनिका से नाराज चल रही थी।
मनिका ने अपने फैसले का समर्थन करते हुए यह खुलासा किया था कि ओलंपिक क्वालिफायर्स के दौरान राष्ट्रीय कोच सौम्यदीप रॉय ने उन्हें अपनी हमवतन प्रतिद्वंदी के खिलाफ एक मैच जानबूझकर कर हारने को कहा था ताकि वह खिलाड़ी भी क्वालीफाई कर सके। मनिका के इस खुलासे के बाद TTFI ने सौम्यदीप रॉय से जवाब तलब किया था लेकिन मनिका बत्रा को एशियन चैंपियनशिप के लिए जा रही टीम में शामिल नहीं किया। इस फैसले के बाद मनिका ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। हालांकि TTFI ने मनिका द्वारा राष्ट्रीय कैम्प में भाग नहीं लेने को इसका कारण बताया था।
दिल्ली हाई कोर्ट ने मनिका द्वारा लगाए गए मैच फिक्सिंग के आरोपों और TTFI की कार्यशैली की जांच के लिए एक विशेष समिति का गठन नवंबर में किया था। जांच रिपोर्ट के बाद अब कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए फेडरेशन की कार्यशैली पर गंभीर सवाल उठाए हैं और फेडरेशन का काम फिलहाल देखने के लिए प्रशासक नियुक्त करने का फैसला लिया है जिसका ऐलान जल्द किया जाएगा।
इस पूरे प्रकरण के बाद राष्ट्रीय कोच और पूर्व कॉमनवेल्थ गोल्ड मेडलिस्ट सौम्यदीप रॉय के भविष्य पर भी बड़ा संंकट खड़ा हो गया है। माना जा रहा है कि TTFI की ओर से प्रतिनिधि सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकते हैं। वहीं हाल ही में विश्व टॉप 50 खिलाड़ियों में शुमार होने वाली मनिका ने एक स्टेटमेंट में कहा है कि संघ के काम करने के तरीके की वजह से उन्हें कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा।