टेनिस के इतिहास में सबसे उम्दा खिलाड़ियों में शुमार Jimmy Connors अपने शक्तिशाली टू-हैंडेड बैक हैण्ड और सर्विस रिटर्न के लिए विख्यात थे। Connors के नाम लगातार 160 हफ्तों तक विश्व नंबर 1 बने रहने का उस समय का रिकॉर्ड दर्ज है। Connors कुल मिला कर 268 हफ़्तों तक विश्व में शीर्ष रैंक पर विद्यमान रहे। कुल 109 करियर सिंगल टाइटल्स के साथ Connors ने 8 ग्रैंड स्लैम जीतें हैं जिसमें 1974 में ऑस्ट्रेलियन ओपन, 1974 और 1982 में दो विम्बलडन खिताब,1 974, 1976, 1978, 1982 और 1983 में पांच अमेरिकी ओपन खिताब और 1977 में 1 एटीपी वर्ल्ड टूर फाइनल भी शुमार है। हालांकि वे फ्रेंच ओपन के खिताब से हमेशा वंचित रहे. 1979, 1980, 1984 और 1985 में सेमीफाइनल तक पहुचने के बाद उनका खिताबी सफ़र ख़तम हो जाता रहा। वे कभी इस खिताब के और अधिक करीब न पहुँच सके। 1979 में दूसरी वरीयता प्राप्त Connors सेमीफाइनल में गैरवरीय परागुआयन विक्टर Pecci से चार सेटों में हार गए थे। अगले ही साल, तीसरी वरीयता प्राप्त Connors फिर एक बार सेमीफाइनल में पहुंचे। सेमीफाइनल में, Connors को 1977 ऑस्ट्रेलियाई ओपन चैंपियन Vitas Gerulaitis का सामना करना पड़ा। मैच एक अत्यधिक रोमांचक रहा जो पांच सेट तक चला पर अंततः लिथुआनियाई अमेरिकी Vitas ने कोनर्स को 6-1, 3-6, 6-7, 6-2, 6-4 से हरा दिया। आगामी सालों में तीन बार Connors क्वार्टर फाइनल तक खेले फिर 1984 में फ्रेंच ओपन के सेमीफाइनल तक पहुंचे जहाँ शीर्ष वरीयता प्राप्त John McEnroe से सीधे सेटों में उन्हें हार का सामना करना पड़ा। आखिरी बार वे 1985 में सेमी फाइनल तक पहुंचे और वहां उनका सामना हुआ defending चैंपियन Ivan Lendl से जिन्होंने उन्हें 6-2, 6-3, 6-1 से बुरी तरह मात दी । हालांकि Connors ने क्ले-कोर्ट पे खेला हुआ एक US ओपन जीता पर वे फ्रेंच ओपन का खिताब जीतने में नाकाम रहे जिससे उन्हें करियर स्लैम न मिल सका।