2016 के वो 5 मौके जब एंडी मरे ने अपने जबरदस्त खेल से किया प्रभावित

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ये कहा जा सकता है कि 2016 एंडी मरे के लिए एक संतोषजनक साल रहा है। अपना तीसरा ग्रैंड स्लैम टाइटल जीतना और अन्य कई महत्वपूर्ण मुकाबलों में उनका प्रदर्शन इस साल शानदार रहा है। लग तो ये रहा है की वे अब नोवाक जोकोविच को उनके शीर्ष सिंघासन से पदस्थ करने की कोशिश में तन्मयता से जुटे हुए हैं। इस साल मरे ने चाइना कप और शंघाई मास्टर्स का ख़िताब अपने नाम किया है। नोवाक जोकोविच का ख़राब फॉर्म (और उनकी आभा में कमी) मरे के लिए वरदान साबित हुए हैं, मरे पूरी तरह नोवाक की जगह लेने को तैयार हैं। फिलहाल, इस साल के अंत तक तो ये मुमकिन नहीं लगता पर नोवाक की फॉर्म के साथ रॉजर फेडरर और राफेल नडाल की लगातार लगती चोटों को भी जोड़ लिया जाए तो 2017 एंडी के लिए बेहतरीन होने वाला है। अपना कोच बदलने का फैसला भी मरे के लिए सही साबित होता दिखा है। इस साल फ्रेंच ओपन से पहले एंडी ने Amelie Mauresmo से दूरी की और Ivan Lendl को वापिस अपने कोच के रूप में लाये। साफ़ तौर पर ये फैसला उसके हक में गया और साल की दूसरी छमाही में उनके लगातार सफल प्रदर्शन इस बात की गवाही देते हैं। इस स्कॉटिश खिलाड़ी के लिए ये सीजन शानदार रहा है। चलिए, नज़र डालते हैं इस साल के उन मुकाबलों पर जिनमें एंडी मरे ने सबसे प्रभावशाली खेल दिखाया :


#5 रोम मास्टर्स: क्ले कोर्ट पर जोकोविच के खिलाफ पहली जीत

एंडी मरे के मानस को जोकोविच के खिलाफ खेलना बिलकुल नहीं पसंद, ये हमने काफी बार बड़े गेम्स के फाइनल में देखा है। और अगर सरफेस क्ले हो तो बस, कुछ कहिये ही मत। जोकोविच से ऑस्ट्रलियन ओपन का फाइनल हारने के बाद, मरे जूझ रहे थे और उनकी भावुकता प्रत्यक्ष थी और फिर आया 2016 का रोम मास्टर्स, मरे के लिए खुशियों की सौगात लेकर। न सिर्फ ये इसलिए ख़ास था क्योंकि ये इस सीजन मरे का पहला खिताब था बल्कि ये इसलिए और भी ख़ास था क्योंकि इसे मरे ने फाइनल में नोवाक जोकोविक को हरा कर जीता। क्ले पर, जो कि एंडी को वैसे भी ज्यादा पसंद नहीं , जोकोविक को 6-3, 6-3 से हरा कर खिताब अपने नाम करना वाकई एक ज़बरदस्त कारनामाँ था। फाइनल तक पहुँचने के लिए उन्होंने Mikhail Kukushkin, Jeremy Chardy, १२ वीं वरीयता प्राप्त David Goffin और Lucas Pouille को हराया. और तो और, Virginia Wade (1971) के बाद मरे पहले ब्रिटिश खिलाड़ी बने, जिन्होंने ये खिताब अपने नाम किया. खूबसूरत बात, नहीं? #4 फ्रेंच ओपन के फाइनल में अपनी जगह बनाना

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क्ले सरफेस पर रोम मास्टर्स जीतने के बाद, मरे ने फ्रेंच ओपन के फाइनल में पहुँच कर अपने फैन्स को खुश कर दिया। ब्रिटिश खिलाड़ियों के बारे में बात करें तो मरे, बनी ऑस्टिन (1937) के बाद दूसरे ही ऐसे खिलाड़ी रहे जो इस मुकाम तक पहुँच सके, पूरे 79 सालों बाद! घास पर खेल सीखने और खेलते रहने के आदी मरे ने सबको क्ले सरफेस पर शानदार प्रदर्शन करके ये दिखा दिया कि उनमें एक ऐसे खिलाड़ी के सारे गुण हैं जो अपने खेल के स्तर को जब ज़रुरत पड़े, ऊंचा उठाने और बेहतर प्रदर्शन का दम-ख़म रखते हैं. वे घरेलु फेवरेट Richard Gasquet को हराया और defending चैंपियन Stanislas Wawrinka को भी हराकर फाइनल में पहुंचे जहाँ उनका इंतज़ार नोवाक जोकोविच कर रहे थे। हालांकि, मरे नोवाक से पहला सेट जीतने के बावजूद वो फाइनल हार गए पर इस स्टेज तक पहुंचना ही मरे के लिए एक बड़ी उपलब्धि थी। उम्मीद है पेरिस में भी अब वे जल्द ही अपने जीत की खबर देकर अपने फैन्स को खुश करेंगे। #3 विंबलडन में जीत

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एंडी विंबलडन खेलने के लिए पहुंचे तो वे ज़बरदस्त फॉर्म में थे। और, सोने पे सुहागा ये था कि उन्होंने Ivan Lendl को अपने कोच के रूप में वापस पा लिया था। पहले चार राउंड्स (जिनमें विवादास्पद पर प्रतिभाशाली खिलाड़ी Nick Kyrgios से जीत भी शामिल थी) जीतने के बाद, एंडी का सामना हुआ Jo-Wilfried Tsonga से. मरे ने इस फ्रेंच खिलाड़ी को हराने में अपनी पूरी ताकत झोंक दी और 5 सेट्स के संघर्ष के बाद विजयी हुए। फाइनल में उनका सामना हुआ Tomas Berdych से। हालांकि जोकोविक Sam Querrey से हारकर पहले ही बाहर हो गए थे, मरे ने सेमी फाइनल में रॉजर फेडरर को हराने वाले Milos Raonic को भी हराया और अंततः वे बेहद खूबसूरती से अपना दूसरा विंबलडन खिताब जीतने में कामयाब हुए। #2 रियो ओलंपिक के दौरान द्वज-वाहक के रूप में कमाल का प्रदर्शन

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विंबलडन में उनके जीत का उत्साह हल्का होने के कुछ ही समय बाद, मरे को खेल से इतर अपनी प्रतिभा के प्रदर्शन का मौका मिला। मरे को रिओ ओलिंपिक के लिए ग्रेट ब्रिटेन के दल का द्वज -वाहक चुना गया। मगर जब उन्हें दल के रियो जाने से पूर्व महारानी ऐनी और सेबेस्टियन कोए के साथ ग्रुप फोटो के लिए बुलाया गया तो मरे ने झंडे के प्रति विलक्षण हरकत करके फैंस को चौंका दिया। झंडे को सही जगह रखने की जगह खोजने में नाकाम मरे ने महारानी ऐनी के पीछे छुपा दिया और फिर कई बार इधर-उधर करके उसे ठीक किया। कहना होगा कि न सिर्फ उन्होंने अपने साथी खिलाड़ियों और दर्शकों का खूब मनोरंजन किया बल्कि लोग बमुश्किल ही रॉयल मेहमानों के सामने अपनी हंसी रोक पाए। यह देखना इतना मजेदार था की एक दफा स्वयं राजकुमारी उनके ध्वज के साथ संघर्ष करते देख, अपनी आँखें घुमाती नज़र आयीं। #1 ग्रेट स्कॉट! मरे ने ओलंपिक स्वर्ण फिर एक बार किया अपने नाम !

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विंबलडन में अपनी सफलता से उत्साहित, मरे ने रिओ ओलंपिक्स में एक बार फिर दिखाया कि वाकई उनमें कुछ तो कमाल की बात है। मरे इस दफा ओलिंपिक में गत चैंपियन के रूप में खेलने उतरे थे, उन्होंने 2012 में रॉजर फेडरर को हराकर यह खिताब अपने नाम किया था। अपनी और अपने सब फैन्स की उम्मीदों पर खरा उतरते हुए, मरे ने Juan Martin del Potro को हरा कर स्वर्ण पदक फिर एक बार अपने नाम किया। Juan Martin del Potro राफेल नडाल को सेमीफाइनल में हराकर फाइनल में पहुंचे थे। रियो में ये जीत उनकी लगातार तीसरी खिताबी जीत थी। इस जीत ने कहीं न कहीं जोकोविच की ख़त्म होती बादशाहत को भी रेखांकित किया जो संयोग से Del Potro से हारकर बाहर हो गए थे। और तो और, मरे ने इस जीत के साथ इतिहास रच दिया। वे इस जीत के बाद पहले ऐसे पुरुष टेनिस खिलाड़ी बने जिन्होंने सिंगल्स मुकाबले में 2 ओलिंपिक स्वर्ण पदक जीते हैं।

Edited by Staff Editor
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