फ्रांस के बेनोइ पेयरे ने बुधवार को कहा कि कोरोना वायरस पॉजिटिव होने के बावजूद उन्हें हैम्बर्ग ओपन में खेलने का मौका मिला। पेयरे ने इसकी वजह बताई कि जर्मनी में नियम अलग हैं। पेयरे ने पिछले महीने यूएस ओपन में तहलका मचाया था जब कोविड-19 पॉजिटिव पाए जाने के बाद उन्हें जोर देकर टूर्नामेंट से हटना पड़ा था। पेयरे ने कहा कि जर्मनी में आने के बाद उनका फिर से कोरोना वायरस टेस्ट पॉजिटिव आया, लेकिन संक्रामक नहीं होने के कारण खेलने दिया।
पेयरे ने पहले राउंड के मैच में नॉर्वे के कैप्पर रूड का सामना किया, लेकिन दूसरे सेट में वह रिटायर होकर चले गए। तब पेयरे का स्कोर 6-4, 2-0 था। बता दें कि पेयरे ने यूएस ओपन से कोविड-19 पॉजिटिव पाए जाने के बाद अपना नाम वापस लिया तो फिर एक सप्ताह एकांतवास में रहे। फिर पिछले महीने उन्होंने रोम मास्टर्स में हिस्सा लिया, जहां वो पहले ही राउंड में हारकर बाहर हो गए।
पिछले सप्ताह रोम मास्टर्स में खेलने वाले पेयरे ने कहा, 'जब मैं यहा पहुंचा तो मेरा कोरोना वायरस टेस्ट पॉजिटिव पाया गया। मैं अब इसको और नहीं झेल सकता। मैं टूटने लगा था। और फिर मुझे कहा गया कि जर्मनी में आप पॉजिटिव हो और क्वारंटीन समय पूरा कर चुके हो, तो फिर वह खिलाड़ी का परीक्षण नहीं करते क्योंकि अगर आप दोबारा कोरोना वायरस की चपेट में आते हो तो आप संक्रामक नहीं रह जाते।'
पेयरे को रास आए जर्मनी के नियम
पेयरे ने आगे कहा, 'मैंने डॉक्टर और टूर्नामेंट आयोजकों को खेलने देने के लिए शुक्रिया अदा किया। पेरिस में कुछ लोग निगेटिव थे, लेकिन चूकि कोच का परीक्षण पॉजिटिव आया तो उन्हें खेलने की इजाजत नहीं मिली। जर्मनी में आप कोरोना वायरस पॉजिटिव होने के बावजूद भी खेल सकते हैं।' फ्रेंच ओपन के पुरुष और महिला क्वालीफाइंग ड्रॉ में इस सप्ताह कोरोना वायरस पॉजिटिव पाए जाने के बाद 6 खिलाड़ियों ने अपना नाम वापस ले लिया। यह सभी उस कोच के संपर्क में थे, जो कोविड-19 पॉजिटिव पाए गए हैं।
पेयरे ने कहा कि उन्हें फ्रेंच ओपन से बाहर होने का खतरा है क्योंकि फ्रांस में डॉक्टर ने उन्हें कहा कि 50 प्रतिशत मौका है कि जब वो पेरिस पहुंचेंगे तो कोविड-19 पॉजिटिव पाए जा सकते हैं। फ्रेंच ओपन की शुरूआत रविवार से हो रही है।