जापान की मियु कातो और जर्मनी के टिम पट्ज ने फ्रेंच ओपन का मिक्स्ड डबल्स खिताब जीत लिया है। फाइनल में इस जोड़ी ने कनाडा की बियांका एंड्रुस्कू और न्यूजीलैंड के माइकल वीनस की जोड़ी को 4-6, 6-4, 10-6 से हराया। खास बात यह है कि मियु कातो को चार दिन पहले ही महिला डबल्स के अपने मैच के दौरान बॉल गर्ल को गलती से गेंद मारने के कारण बीच मैच जोड़ीदार के साथ डिसक्वालिफाई कर दिया गया था। अब कातो ने इस प्रदर्शन के बाद सभी को करारा जवाब दिया है।
दरअसल महिला डबल्स में मियु कातो और उनकी इंडोनिशियाई जोड़ीदार अल्दिला सुतिजियादी को 16वीं वरीयता प्राप्त थी। बीते रविवार महिला डबल्स के तीसरे दौर के मैच में इस जोड़ी का सामना चेक गणराज्य की मारी बुजुकोवा और स्पेन की सारा तोर्मो के साथ चल रहा था। जब मारी-सारा की जोड़ी 7-6, 1-3 से आगे थी, उसी समय गेंद को आम समय की तरह ही मियु ने बॉल गर्ल की तरफ रैकेट से हल्के से फेंका ताकि वह गेंद को पकड़ कर एकत्रित कर ले। लेकिन यह गेंद बॉल गर्ल को लग गई।
इस दौरान रेफरी की ओर से कोई बड़ी प्रतिक्रिया नहीं आई थी। लेकिन कुछ समय बाद ही मारी और सारा ने रेफरी का ध्यान इस ओर किया कि बॉल गर्ल रो रही है जिसके तुरंत बाद रेफरी ने मियु और उनकी जोड़ीदार को डिसक्वालिफाई कर दिया। इस फैसले का कई टेनिस प्रेमियों ने विरोध किया। डिसक्वॉलिफिकेशन का मतलब है कि तीसरे दौर तक पहुंचने के लिए मिलने वाले रैंकिंग अंक और प्राइज मनी तक मियु और अल्दिला को नहीं मिलेगी।
अब मिक्स्ड डबल्स ट्रॉफी जीतने के बाद मियु ने न सिर्फ अपनी महिला डबल्स जोड़ीदार को धन्यवाद कहा बल्कि रेफरी के फैसले के खिलाफ अपील करने की बात भी कही।
मियु कातो की मिक्स्ड डबल्स जीत के बाद सोशल मीडिया पर भी प्रशंसक उनकी तारीफ कर रहे हैं और उनके महिला डबल्स डिसक्वॉलिफिकेशन को गलत बता रहे हैं। 27 साल की मियु कातो के करियर का यह पहला ग्रैंड स्लैम है वहीं टिम पट्ज ने भी पहली बार कोई मेजर खिताब हासिल किया है।