साल 1998 में 16 साल के एक टेनिस खिलाड़ी ने विम्बल्डन में बालक वर्ग का सिंगल्स और डबल्स खिताब जीता था। उस समय टेनिस जगत के कुछ विशेषज्ञों ने इस खिलाड़ी के उज्ज्वल भविष्य की कामना की थी और उम्मीद जताई थी कि वो युवा खिलाड़ी कुछ बहुत बड़ा कर जाएगा। 24 साल बाद उस खिलाड़ी ने अपना आखिरी मैच खेला और दुनियाभर के खेल प्रेमी और टेनिस जगत के बड़े-बड़े दिग्गज रो पड़े। रॉजर फेडरर ने लेवर कप में डबल्स मुकाबला खेलने के साथ ही 24 साल लंबे करियर को अलविदा कह दिया।

फेडरर ने लंदन के O2 एरीना में टीम यूरोप के लिए अपने बेस्ट फ्रेंड और साथी खिलाड़ी राफेल नडाल के साथ जोड़ी बनाई, डबल्स मैच खेला और मैच खत्म होने के बाद अपने रैकेट पर विराम लगा दिया। फेडरर के इस मैच के बाद नडाल समेत सभी साथी खिलाड़ी और एरीना में मौजूद दर्शक तो रो ही पड़े।
फेडरर ने अमेरिका के जैक सॉक और फ्रांसेस टियाफो के खिलाफ करियर का आखिरी मैच खेला। हालांकि इस मैच में उन्हें हार मिली, लेकिन इस बात ने खेल प्रेमियों के प्यार को कम नहीं किया।
फेडरर को उनके टीम के साथी खिलाड़ियों ने गले लगाया, सभी ने पकड़ कर हवा में उछाला। फेडरर का पूरा परिवार कोर्ट पर आया। उनकी दोनों जुड़वा बेटियां और दोनों जुड़वा बेटे अपने पिता से गले मिले। फेडरर अपनी पत्नी मिर्का को गले लगाकर काफी रोए।
फेडरर को एरीना में मौजूद हर दर्शक ने भावभीनी विदाई दी। सोशल मीडिया पर भी दर्शक लगातार फेडरर के आखिरी मैच को देखते हुए ट्वीट कर रहे थे और ये मैच खत्म होते ही फेडरर को टेनिस के खेल से जुड़ी बेहतरीन यादें देने के लिए शुक्रिया करते रहे। मैच के बाद फेडरर ने कोर्ट पर मौजूद सभी लोगों को संबोधित भी किया और कहा कि उनके लिए ये बताया कि उनके लिए यह दिन बेहद खास है और वह दुखी नहीं बल्कि बेहद खुश हैं।
फेडरर ने अपनी पत्नी मिर्का को अपने जीवन की सबसे बड़ी ताकत बताया और कहा कि वह शायद काफी पहले टेनिस रैकेट रख देते, लेकिन उनकी पत्नी ने उन्हें न सिर्फ रोका, बल्कि बेहतर करने के लिए प्रेरित किया।
फेडरर ने अपने करियर में कुल 1526 सिंगल्स मैच खेले और खास बात ये है कि इनमें से एक भी मैच में ये अद्भुत खिलाड़ी रिटायर नहीं हुआ और हर मैच पूरा खेला। करियर में 20 सिंगल्स ग्रैंड स्लैम जीतने वाले फेडरर ने एक ऐसा माहौल बनाया जिसने नडाल, जोकोविच, मरे जैसे खिलाड़ियों को आगे बढ़ने की प्रेरणा दी।
अमेरिका के पीट सैम्प्रास के बाद टेनिस फैंस को लगने लगा था कि उनकी बराबरी करने वाला कोई खिलाड़ी दोबारा नहीं आ सकेगा, लेकिन फेडरर ने न सिर्फ सैम्प्रास को हर मामले में पीछे छोड़ दिया बल्कि कई ऐसे रिकॉर्ड बना दिए जिन्हें तोड़ना आने वाले कई सालों तक किसी भी खिलाड़ी के बस की बात नहीं होगी।