पिछले 10 दिनों से चली दुनिया के नंबर 1 टेनिस खिलाड़ी नोवाक जोकोविच के साल के पहले ग्रैंड स्लैम में खेलने की लड़ाई में आखिरकार विराम लग गया। जोकोविच ऑस्ट्रेलियन ओपन में भाग नहीं ले पाएंगे। ऑस्ट्रेलिया की फेडरेल कोर्ट ने जोकोविच का वीजा कैंसिल किए जाने के मामले में ऑस्ट्रेलियाई सरकार के पक्ष में फैसला सुनाया है जिसका मतलब है कि 17 जनवरी से शुरु हो रहे ऑस्ट्रेलियन ओपन में जोकोविच भाग नहीं ले पाएंगे जिसके मुख्य ड्रॉ में उन्हें जगह दी गई थी। जोकोविच को उन्हें शीघ्र ही डिपोर्ट किया जाएगा। इस पूरे घटनाक्रम के बाद जोकोविच के समर्थक और आलोचक सोशल मीडिया पर लगातार अपनी राय दे रहे हैं। लेकिन यह पक्का हो गया है कि सोमवार को ऑस्ट्रेलियाई ओपन के पहले दौर के मुकाबले में गत चैंपियन जोकोविच नहीं खेल पाएंगे।
क्या था मामला
अपने कोविड वैक्सिनेशन के स्टेटस का खुलासा नहीं करने की बात पर अड़े रहने वाले जोकोविच को टेनिस ऑस्ट्रेलिया ने विशेष अनुमति देते हुए ऑस्ट्रेलियन ओपन में खेलने के लिए बुलाया था। लेकिन क्योंकि ऑस्ट्रेलियाई सरकार वीजा नियमों में कोविड वैक्सिनेशन की सूचना को लेकर काफी सख्त है, इसलिए 6 जनवरी को जब जोकोविच मेलबर्न एयरपोर्ट पहुंचे तो उनका वीजा रद्द कर उन्हें डिटेंशन सेंटर भेज दिया गया था। इसके बाद जब 10 जनवरी को जोकोविच को स्थानीय कोर्ट ने राहत देते हुए उनके पक्ष में फैसला सुनाया तो 14 जनवरी की शाम को ऑस्ट्रेलियाई सरकार के इमिग्रेशन मंत्री ऐलेक्स हॉक ने घोषणा की कि जोकोविच का वीजा विशेष अधिकारों का इस्तेमाल करते हुए कैंसिल किया जा रहा है। ऐसे में जोकोविच की टीम ऑस्ट्रेलियाई फेडरल कोर्ट में गई जहां रविवार को तीन जजों की बैंच ने ऑस्ट्रेलियाई सरकार के पक्ष में फैसला सुनाया।
ऑस्ट्रेलियाई सरकार की नियत पर सवाल
इस पूरे घटनाक्रम के बाद जोकोविच के फैंस ने ऑस्ट्रेलियाई सरकार पर तीखे प्रहार किए हैं। और फैंस जो सबसे बड़ा सवाल उठा रहे हैं वो ये है कि अगर कोविड से बचाव इतना ही जरूरी है तो फिर आखिर ऑस्ट्रेलियन ओपन का आयोजन ही क्यों किया जा रहा है। फैंस ये सवाल भी कर रहे हैं कि जब जोकोविच की रिपोर्ट कोविड नेगेटिव है, जब वो खेलने के लिए पूरी तरह सक्षम और फिट हैं, फिर ऐसे में एक खिलाड़ी के साथ ऐसा बर्ताव क्यों किया गया। ये बात गौर करने वाली है कि जोकोविच पहले ही अपना स्टैंड साफ कर चुके थे, ऐसे में अगर उन्हें खुद टेनिस ऑस्ट्रेलिया खेलने की अनुमति देता है तो क्या ऐसे में ऑस्ट्रेलियाई सरकार और टेनिस ऑस्ट्रेलिया के बीच आपसी समन्वय नहीं होना चाहिए था। जब ऑस्ट्रेलियाई सरकार को ये पता था कि जोकोविच को ऑस्ट्रेलियाई देश का ही टेनिस संघ देश में बुला रहा है, खेलने के लिए आमंत्रित कर रहा है तो पहले ही जोकोविच की एंट्री पर बैन लगा दिया जाता। ।
खास बात ये है कि 10 जनवरी को जब स्थानीय कोर्ट ने जोकोविच के पक्ष में फैसला सुनाया तो उसके बाद 4 दिन तक ऑस्ट्रेलियाई सरकार इंतजार करती रही। आलोचकों का मानना है कि शुक्रवार की शाम को ऑस्ट्रेलियाई सरकार ने जोकोविच का वीजा कैंसिल करने का फैसला इसलिए लिया ताकि ऑस्ट्रेलियन ओपन के शुरु होने से पहले जोकोविच कोर्ट में अपील न कर पाएं। ऐसा इसलिए क्योंकि 17 जनवरी यानि सोमवार से ऑस्ट्रेलियन ओपन शुरु होना है और आमतौर पर ऑस्ट्रेलिया में शनिवार और रविवार को कोर्ट, सरकारी दफ्तर बंद रहते हैं। हालांकि ऑस्ट्रेलियाई न्यायपालिका ने अवकाश के दिन भी मामले को सुनकर एक मिसाल पेश की है। यही कारण है कि ऑस्ट्रेलियाई सरकार की मंशा और नियत पर इतने सवाल खड़े हो रहे हैं।
आलोचना भी झेल रहे जोकोविच
लेकिन ऐसा नहीं है कि हर कोई जोकोविच के पक्ष में ही बात कर रहा है। पूर्व विश्व नंबर 1 राफेल नडाल ने तक ये कहा था कि जोकोविच को पहले से ही पता था कि नियम क्या है, ऐसे में उन्हें भी सोचकर ऑस्ट्रेलिया आना चाहिए था। वहीं ग्रीस के स्टेफानो सितसिपास जो विश्व नंबर 4 टेनिस खिलाड़ी हैं, ने ऑस्ट्रेलियन ओपन ड्रॉ में जोकोविच का नाम आने के बाद कहा था कि आयोजक जोकोविच को खेलने की अनुमति देकर उन सभी खिलाड़ियों का अपमान कर रहे हैं जो पूरे फॉर्मेलिटी, वैक्सीनेशन और तैयारी से ऑस्ट्रेलिया आए हैं। फिलहाल जोकोविच साल का पहला ग्रैंड स्लैम नहीं खेलेंगे ऐसे में एक नया चैंपियन देखने को मिल सकता है।