फ्रेंच ओपन : एक इंस्टाग्राम मैसेज ने दिलाया शिबाहारा-कूलहॉफ को मिक्स्ड डबल्स का खिताब

वेसली कूलहॉफ- शिबिहारा के करियर का ये पहला ग्रैंड स्लैम डबल्स खिताब है।
वेसली कूलहॉफ- शिबिहारा के करियर का ये पहला ग्रैंड स्लैम डबल्स खिताब है।

जापान की ईना शिबाहारा और नीदरलैंड के वेस्ली कूलहॉफ ने फ्रेंच ओपन के मिश्रित युगल का खिताब जीत लिया है। दूसरी सीड इस जोड़ी ने फाइनल में नॉर्वे की उलरिके एइकारी और बेल्जियम के जोरान व्लिगेन की जोड़ी को 7-6, 6-2 से हराते हुए पहली बार किसी ग्रैंड स्लैम टाइटल अपने नाम किया। खास बात ये है कि प्रतियोगिता के ठीक एक महीने पहले शिबाहारा और कूलहॉफ ने एक-दूसरे को इंस्टाग्राम के जरिए मैसेज करते हुए मिक्स्ड डबल्स में भाग लेने के लिए पूछा था।

जापान के इतिहास में 25 साल बाद किसी खिलाड़ी ने फ्रेंच ओपन मिक्स्ड डबल्स को जीता है। इससे पहले जापान की रिका हिराकी ने भारत के महेश भूपति के साथ मिलकर साल 1997 में इस प्रतियोगिता को जीता था। ऐसे में शिबिहारा की उपलब्धि ऐतिहासिक है। खास बात ये है कि 25 साल की शिबिहारा का जन्म ही हिराकी की उस उपलब्धि के बाद हुआ है।

वहीं नीदरलैंड के कूलहॉफ का भी ये पहला ग्रैंड स्लैम डबल्स खिताब है। 33 साल के कूलहॉफ इससे पहले किसी ग्रैंड स्लैम के मिक्स्ड डबल्स के फाइनल में नहीं पहुंचे थे जबकि पुरुष डबल्स में साल 2020 में यूएस ओपन फाइनल हारे थे। जीत के बाद शिबिहारा और कूलहॉफ ने एक-दूसरे का शुक्रिया अदा किया। शिबिहारा ने बताया कि कैसे उनका पूरा परिवार मिक्स्ड डबल्स मैच खेल प्रैक्टिस करता रहा है और उन्होंने इसी तरीके से टेनिस सीखने की शुरुआत की थी।

मिक्स्ड डबल्स में साल 2021 में ब्रिटेन के जो सैलिस्बेरी और अमेरिका की डेसिरे क्रॉचिक की जोड़ी ने जीत दर्ज की थी लेकिन सैलिस्बेरी ने इस बार मिक्स्ड डबल्स में भाग नहीं लेने का फैसला किया था। भारत के रोहन बोपन्ना ने स्लोवेनिया की आंद्रेया क्लेपाक के साथ मिक्सड डबल्स में भाग लिया लेकिन दूसरे दौर में हारकर बाहर हो गए। वहीं सानिया मिर्जा और क्रोएशिया के ईवान डॉडिज की जोड़ी भी दूसरे दौर में हार गई। भारत के लिए महेश भूपति ने साल 1997 में हिराकी और फिर साल 2012 में सानिया मिर्जा के साथ ये खिताब जीता, जबकि लिएंडर पेस ने साल 2016 में मार्टिना हिंगिस के साथ ये टाइटल अपने नाम किया। रोहन बोपन्ना ने साल 2017 में मिक्स्ड डबल्स का खिताब जीता।