भारत की हर्षदा गरुड़ ने एशियन वेटलिफ्टिंग चैंपियनशिप में जीता ब्रॉन्ज मेडल

बहरीन में एशियन चैंपियनशिप के दौरान भार उठाती 18 वर्षीय हर्षदा।
बहरीन में एशियन चैंपियनशिप के दौरान भार उठाती 18 वर्षीय हर्षदा।

विश्व जूनियर वेटलिफ्टिंग चैंपियन भारत की हर्षदा गरुड़ ने बहरीन में हो रही एशियाई वेटलिफ्टिंग चैंपियनशिप में तीसरा स्थान हासिल किया है। 18 साल की हर्षदा ने 45 किलोग्राम भार वर्ग में कुल 152 किलोग्राम का वजन उठाते हुए ब्रॉन्ज मेडल प्राप्त किया।

अपने कांस्य पदक के साथ पोडियम पर भारतीय ध्वज के साथ हर्षदा
अपने कांस्य पदक के साथ पोडियम पर भारतीय ध्वज के साथ हर्षदा

हर्षदा ने स्नैच में 68 किलोग्राम का वजन उठाया जबकि क्लीन एंड जर्क में उन्होंने 84 किलोग्राम का भार उठाने में कामयाबी पाई। फिलिपींस की रोज रेमोस ने भी बराबर कुल वजन उठाया था, ऐसे में दोनों खिलाड़ियों के स्नैच के भार को देखा गया। रोज ने स्नैच में कुल 67 किलोग्राम भार उठाया था, जिस कारण हर्षदा के पास एक किलोग्राम की बढ़त थी, और ऐसे में वो पदक जीतने में कामयाब रहीं। हर्षदा को स्नैच में 68 किलोग्राम भार उठाने के लिए ब्रॉन्ज मेडल अलग से भी मिला।

Another International medal by 🤩 #Harshada Garud, SAI NCOE (Aurangabad MH)'s #weightlifting trainee (45kg category) Bronze 🥉 for 🇮🇳in 🌏Asian Weightlifting C'ships 22 @ Manama,Bahrain 🇧🇭@IndiaSports@Media_SAI@IWF_India@PIBMumbai@CMOMaharashtra@PIB_India@Harshadagarud04 https://t.co/mcaxtoEBBw

प्रतियोगिता में पहले स्थान पर वियतनाम की खोंग माय फूओंग रहीं जिन्होंने स्नैच में 78 किलो और क्लीन एंड जर्क में 88 किलो के साथ कुल 166 किलो भार उठाया। सिल्वर मेडल इंडोनिशिया की नफिसतुल हरिरो ने जीता। नफिसतुल ने स्नैच में 71 किलो का भार उठाया जबकि क्ली एंड जर्क में 91 किलो के साथ सबसे ज्यादा भार उठाने में सफल रहीं।

हर्षदा का एशियन सीनियर चैंपियनशिप की यह पहला मेडल है। इसी साल मई में IWF विश्व जूनियर चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीता था और यह कारनामा करने वाली पहली भारतीय महिला वेटलिफ्टर बनी थीं। हर्षदा ने इसके बाद जुलाई में उजबेकिस्तान में हुई एशियन जूनियर चैंपियनशिप में 157 किलोग्राम भार के साथ गोल्ड जीता। लेकिन एशियन सीनियर चैंपियनशिप मे हर्षदा का प्रदर्शन थोड़ा कम रहा क्योंकि जूनियर चैंपियनशिप में उन्होंने 152 किलोग्राम से ज्यादा भार उठाने में कामयाबी हासिल की थी। हर्षदा के पिता भी स्टेट लेवल वेटलिफ्टर रह चुके हैं। पुणे की रहने वाली हर्षदा को भारत सरकार की TOPS (Target Olympic Podium Scheme) के तहत मदद मिल रही है।

Edited by Prashant Kumar
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