चीन की राजधानी बीजिंग 2022 के शीतकालीन ओलंपिक खेलों की मेजबानी कर रही है। 1924 से आधिकारिक रूप से खेले जा रहे इन खेलों में भारत की शिरकत ज्यादा यादगार नहीं रही है। इसका एक बहुत बड़ा कारण है कि देश में शीतकालीन खेलों के लिए माहौल न मौसम के हिसाब से अनुकूल है और न ही लोगों को इन खेलों की जानकारी है। जम्मू-कश्मीर, उत्तराखण्ड समेत कुछ राज्यों में काफी बर्फबारी होती है लेकिन हमारा देश आज तक शीतकालीन खेलों के लिए उपर्युक्त इंफ्रास्ट्रक्चर खड़ा नहीं कर पाया है। ऐसे में शीतकालीन खेलों में भारत की ओर से गिने-चुने खिलाड़ी भाग ले पाते हैं। बीजिंग शीतकालीन खेलों में देश की ओर से इकलौते खिलाड़ी के रूप में कश्मीर के आरिफ खान ने क्वालिफाय किया है जो स्किइंग में देश का प्रतिनिधित्व करेंगे।
31 साल के आरिफ एल्पाइन स्किइंग स्लैलॉम और जायंट स्लैलॉम (Alpine Skiing Slalom and Giant Slalom) , स्किइंग की इन दो स्पर्धाओं में भाग लेंगे जो क्रमश: 13 और 16 फरवरी को आयोजित की जाएंगी। आरिफ पहले भारतीय एथलीट हैं जिन्होंने शीतकालीन खेलों में दो स्पर्धाओं में भाग लेने के लिए क्वालिफाय किया है। आरिफ ने कश्मीर के गुलमर्ग में ही स्किइंग की प्रैक्टिस शुरु की। मूल रूप से बारामूला के रहने वाले आरिफ ने पिछले साल दुबई में हुए क्वालिफिकेशन राउंड में निर्धारित FIS (International Ski Federation) अंक जुटाकर दोनों स्पर्धाओं के लिए क्वालिफाय किया।
बचपन से स्किइंग में रुचि
आरिफ का 4 साल की छोटी सी उम्र में स्किइंग से परिचय हुआ। पिता ने गुलमर्ग में स्किइंग की एक छोटी सी दुकान खोली। पहाड़ो के बीच रहने वाले आरिफ को क्रिकेट, फुटबॉल पसंद थे, लेकिन मैदान नहीं था जिसपर ये आराम से खेला जा सके। ऐसे में पिता को सामान बेचते देखा और स्किइंग करने की सोची। पिता ने बेटे के सपने को पूरा करने के लिए दुकान के बाहर एक छोटा सा स्लोप तैयार किया। इसके बाद आरिफ ने धीरे-धीरे स्किइंग के गुर सीखने शुरु किए और 10 साल की उम्र से स्किइंग से जुड़ी प्रतियोगिताओं में भाग भी लेना शुरु कर दिया। साल 2002 में आरिफ ने 12 साल की उम्र में राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में स्किइंग का गोल्ड जीता। 16 साल की उम्र में आरिफ ने जूनियर इंटरनेशनल स्कीइंग फेडरेशन के ईवेंट में जापान में शिरकत की।
कड़ी मेहनत, लेकिन नाकाफी मदद
एक न्यूज वेबसाइट को दिए इंटर्व्यू में आरिफ ने बताया कि वह सुबह 7 बजे स्लोप फील्ड में पहुंचकर प्रैक्टिस शुरु करनी होती है। आरिफ के मुताबिक कई बार वो शाम को 6 से 7 बजे तक ट्रेनिंग करते हैं। आरिफ पहले भी कई बार फेडरेशन से मिलने वाली वित्तीय सहायता को नाकाफी बता चुके हैं। स्विटजरलैंड, ऑस्ट्रिया, या फिर फ्रांस में जाकर प्रशिक्षण करने के लिए काफी धनराशि की आवश्यकता है।आरिफ के पिता का स्किइंग ऑपरेटर का बिजनेस है, जिसके जरिए परिवार मुख्य रूप से आरिफ की ट्रेनिंग फंड करता आया है। आरिफ स्वयं स्किंग इंस्ट्रक्टर के रूप में प्रशिक्षण भी देते हैं। साल 2018 में पैसों की कमी के चलते आरिफ प्योंगचैंक, कोरिया में हुए शीतकालीन खेलों में भाग लेने से चूक गए थे।
आरिफ ने साल 2011 में दक्षिण एशियाई विंटर गेम्स में स्लालोम और जायंट स्लालोम, दोनों इवेंट्स में गोल्ड मेडल जीता। साल 2013 के बाद आरिफ 4 विश्व चैंपियनशिप में भी भाग ले चुके हैं। स्विट्जरलैंड, न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रिया समेत कई देशों में होने वाली स्किइंग प्रतियोगिताओं में आरिफ भारत की तरफ से जा चुके हैं।
भारत की शिरकत
भारत की ओर से साल 1964 के इंस्बर्क शीतकालीन खेलों में पहली बार अपनी ओर से खिलाड़ियों को भेजा। पॉलिश मूल के जेरेमी बुजाकोवस्की ने एल्पाइन स्किइंग में भारत का प्रतिनिधित्व किया। इसके बाद भारत ने 1968, 1988, 1992, 1998, 2002, 2006, 2010, 2014, 2018 में अपने खिलाड़ियों को भेजा। साल 2014 में भारतीय एथलीटों को भारत के झण्ड तले खेलने का मौका नहीं मिला क्योंकि तब भारतीय ओलंपिक संघ को IOC ने सस्पेंड कर दिया था। भारत ने आज तक शीतकालीन खेलों में कोई पदक नहीं जीता है।