रूस बतौर देश अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति की ओर से साल 2019 से डोपिंग स्कैंडल के कारण बैन झेल रहा है, जिस कारण ओलंपिक समेत सभी बड़े खेल आयोजनों में रूस के खिलाड़ी ROC यानि रूसी ओलंपिक समिति के झंडे तले खेलते हैं। लेकिन बीजिंग में चल रहे शीतकालीन ओलंपिक खेलों में रूस की फिगर स्केटिंग खिलाड़ी कमिला वलियेवा पर डोपिंग का आरोप लगा है जिसकी वजह से उनका मेडल छिन सकता है।
15 साल की फिगर स्केटर कमिला वलियेवा का डोप टेस्ट एक डोपिंग पदार्थ को लेकर पॉजिटिव आया है। खास बात ये है कि कमिला ने टीम फिगर स्केटिंग में साथी खिलाड़ियों के साथ मिलकर गोल्ड जीता था, लेकिन उनका डोप टेस्ट पॉजिटिव आने की वजह से प्रतियोगिता के 3 दिन बाद भी मेडल सेरेमनी नहीं हुई है। कमिला के सैंपल में प्रतिबंधित पदार्थ ट्रायमिटाजिडीन मिला है। हालांकि सभी मेडल विजेता खिलाड़ियों को पोडियम पर बुलाया जरूर गया लेकिन उन्हें सिर्फ मैस्कॉट के रूप में सॉफ्ट टॉय दिया गया और मेडल देने में फिलहाल देरी की गई है।
ऐसे में ये लगभग तय हो गया है कि ROC को मिला ये गोल्ड मेडल छीन लिया जाएगा। अमेरिकी टीम ने सिल्वर जबकि जापान की टीम ने ब्रॉन्ज जीता था। लेकिन माना जा रहा है कि 20 फरवरी को खेलों की समाप्ति पर ही इन मेडल्स का भविष्य तय हो पाएगा। अगर ये मेडल रूस की टीम से छिनता है तो अमेरिका को गोल्ड दिया जाएगा जबकि जापानी टीम सिल्वर पाएगी। वहीं चौथे नंबर पर आने वाली कनाडा की टीम को ब्रॉन्ज मिल सकता है।
कौन हैं कमिला
कमिला वेलियेवा सिर्फ 15 साल की उम्र में दुनिया की सबसे बेहतरीन फिगर स्केटर मानी जाती हैं। कमिला को महिला एकल प्रतियोगिता में गोल्ड का दावेदार माना जा रहा था, लेकिन अब उनका इस ईवेंट में भाग लेना संदेह के घेरे में है। कमिला मौजूदा यूरोपीय और रूसी चैंपियन भी हैं। यही नहीं कमिला की काबिलियत का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि वह प्रतियोगिता में स्कोर के मामले में विश्व रिकॉर्ड धारी हैं, लेकिन इस डोपिंग प्रकरण के बाद उनके करियर पर बैन के बादल मंडराने लगे हैं। खबरों के मुताबिक कमिला का डोप टेस्ट दिसंबर में किया गया था और ।अब जाकर उसमें प्रतिबंधित पदार्थ मिला है। ट्रायमिटाजिडीन नाम का पदार्थ साल 2014 से अतंर्राष्ट्रीय डोपिंग एजेंसी की सूची में प्रतिबंधित पदार्थ के रूप में शामिल है।
हालांकि रूसी फिगर स्केटिंग टीम के प्रवक्ता ने साफ किया है कि फिलहाल कमिला को सस्पेंड नहीं किया गया है। फिलहाल अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति की ओर से भी कमिला के भविष्य को लेकर कुछ साफतौर पर नहीं कहा गया है। लेकिन 15 साल की ऐथलीट के डोपिंग टेस्ट में पॉजिटिव आने के बाद रूस की काफी किरकिरी हो रही है क्योंकि रूस के खिलाड़ी साल 2014 के सोची शीतकालीन ओलंपिक में भी डोपिंग स्कैंडल के घेरे में आए थे ।