दो बार के ओलंपिक चैंपियन सुशील कुमार ने कहा कि स्कूल गेम्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसजीएफआई) के सचिव के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है। सुशील कुमार ने हस्ताक्षर की चोरी और संस्था में अनियमितता के कथित आरोप लगाए हैं। एसजीएफआई अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी रखने वाले सुशील कुमार ने आरोप लगाया कि संस्था में उप-कानून बदलने के लिए उनके हस्ताक्षर की चोरी की गई है।
सुशील कुमार ने एएनआई से बात करते हुए कहा, 'मुझे 12 नवंबर को एसजीएफआई में अनियमितता से संबंधित भारतीय सरकार का पत्र प्राप्त हुआ था। मैंने एसजीएफआई सचिव को लिखकर पूछा कि उन्होंने भारतीय सरकार के पत्र का जवाब क्यों नहीं दिया, लेकिन उन्होंने मुझे भी जवाब नहीं दिया।'
सुशील कुमार ने आगे कहा, 'मैंने ध्यान दिया कि उप-कानून बदलने के लिए मेरे हस्ताक्षर की चोरी की गई है। फिर मैंने भारतीय सरकार और एसजीएफआई सचिव को लिखकर यही बात बताई। एक बार फिर, मुझे सचिव की तरफ से कोई जवाब नहीं मिला।' सुशील कुमार ने एसजीएफआई कोषाध्यक्ष को भी पत्र लिखा क्योंकि उनके हस्ताक्षर उप-कानूनों में उल्लेखित हैं, लेकिन कोषाध्यक्ष ने उप-कानूनों को बदलने में भूमिका होने पर इंकार किया।
सुशील कुमार ने एसजीएफआई में फर्जीवाड़ा पाया
सुशील कुमार ने कहा, 'संस्था में फर्जीवाड़ा पाकर, मैंने खेल मंत्री से मुलाकात की और उन्हें इस संबंध में सब स्पष्ट बताया। उन्होंने मुझे दिसंबर में चुनाव करके सभी अनियमित्ताएं साफ करने व उप-कानूनों में सुधार करने को कहा। मैंने अब एसजीएफआई सचिव के खिलाफ आईपीसी की धारा 420, 468, 471 और 120 बी के तहत एफआईआर दर्ज कराई है।'
सुशील ने अब खेल कोड में दी गई शक्तियों के तहत SGFI चुनावों को टाल दिया है। सुशील कुमार ने कहा, 'मैं आपको भरोसा दिलाता हूं कि एसजीएफआई में मैं चीजें ठीक करूंगा और स्कूल के बच्चों के लिए इसे शानदार मंच बनाउंगा। पुलिस मामले की जांच कर रही है और वह मुजरिम को सजा देगी।'
सुशील कुमार ने महासचिव राजेश मिश्रा के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की पहल की। सुशील कुमार ने साफ शब्दों में कहा, 'मैं यह देखकर हैरान था कि मेरे हस्ताक्षर की चोरी की गई और मिश्रा ने अपनी सुविधा के मुताबिक उप-कानूनों को बदलने की कोशिश की। मिश्रा शायद चाहते हैं कि मैं शक्तिहीन अध्यक्ष बन जाऊं और वो पूरी जिम्मेदारी अपने हाथों में लें। यह गंभीर फर्जीवाड़ा है और मैं मिश्रा के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करूंगा।'
बता दें कि यह जानकारी मिली है कि अगर कानून में संशोधन होता है तो मिश्रा को सीईओ का पद मिलेगा और बिना दो-तिहाई बहुमत के उन्हें 10 साल तक पद से हटाया नहीं जा सकेगा। वह अपने पद से स्वंय इस्तीफा दे सकते हैं। कानून में संशोधन से सुशील कुमार शक्तिहीन अध्यक्ष बनेंगे।