एक दिन पहले रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया यानी WFI के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर नामचीन पहलवानों की तरफ से यौन शोषण के आरोप लगाए जाने के बाद खेल जगत में हड़कंप मच गया था। अब कॉमनवेल्थ गेम्स ब्रॉन्ज मेडलिस्ट और एशियन चैंपियनशिप गोल्ड मेडलिस्ट पहलवान दिव्या काकरान ने सामने आकर बृजभूषण शरण सिंह का समर्थन करते हुए आरोपों को बेबुनियाद बताया है।
दिव्या ने सोशल मीडिया पर अपने वीडियो पोस्ट कर यह कहा है कि बृजभूषण शरण सिंह ने हमेशा ही देश में कुश्ती को बढ़ावा देने के लिए स्पोंसर्स ढूंढने का काम किया है और कम से कम उम्र के बच्चों तक कुश्ती को पहुंचाने का काम किया है। दिव्या ने धरने पर बैठे पहलवानों पर आरोप लगाया कि वह कुछ महीनों पहले तक WFI और बृजभूषण शरण सिंह की तारीफ करते नहीं थक रहे थे और अब उनपर झूठे आरोप लगा रहे हैं। दिव्या के मुताबिक वह पिछले 10 सालों से राष्ट्रीय कैम्प का हिस्सा बन रही हैं और न उनके साथ एवं न ही उनकी किसी साथी पहलवान के साथ किसी प्रकार का शोषण किया गया है।
गौरतलब है कि दिव्या काकरान पहले दिल्ली की ओर से कुश्ती खेलती थीं लेकिन साल 2018 में उन्होंने दिल्ली सरकार पर वित्तीय मदद नहीं करने का आरोप लगाया और उत्तर प्रदेश के लिए खेलना शुरु कर दिया। अब जहां एक ओर कुछ खेल प्रेमी दिव्या का समर्थन कर रहे हैं तो कुछ उनपर उत्तर प्रदेश और सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी की ओर से बोलने का आरोप लगा रहे हैं। बृजभूषण शरण सिंह WFI अध्यक्ष होने के साथ ही उत्तर प्रदेश के केसरगंज से बीजेपी के सांसद भी हैं।
वहीं विनेश फोगाट और साथी खिलाड़ियों के द्वारा WFI के दर्जाधारियों पर लगाए गए आरोपों के बाद पहलवान गीता फोगाट भी धरने पर बैठे खिलाड़ियों के समर्थन में आ गई हैं। गीता कॉमनवेल्थ गेम्स में कुश्ती का गोल्ड जीतने वाली पहली भारतीय महिला हैं और विनेश की चचेरी बहन भी हैं।
यही नहीं गीता की छोटी बहन बबीता फोगाट ने भी विरोध में बैठे पहलवानों का समर्थन करने की बात कही है। खास बात ये है कि बबीता खुद भारतीय जनता पार्टी की सदस्य हैं।
इस पूरे मामले में जहां दिल्ली महिला आयोग ने भी संज्ञान लेकर दिल्ली पुलिस और खेल मंत्रालय से रिपोर्ट तलब की है, तो वहीं मामले में राजनीति भी शुरु हो गई है। प्रकरण में अब दिव्या काकरान के उतरने के बाद इसे यूपी बनाम हरियाणा की कुश्ती में वर्चस्व की लड़ाई के रूप में भी देखा जा रहा है।