भारत ने हांगझाओ एशियन गेम्स में कुश्ती की स्पर्धा में सिल्वर मेडल हासिल कर लिया है। पुरुषों की 86 किलोग्राम फ्रीस्टाइल स्पर्धा में भारत के दीपक पुनिया को सिल्वर मेडल हासिल हुआ है। पुनिया को फाइनल में पूर्व ओलंपिक और विश्व चैंपियन ईरान के हसन यजदानी ने 10-0 से मात देकर गोल्ड जीता।
बर्मिंघम कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड जीतने वाले 24 साल के दीपक ने एशियाड में अपने भार वर्ग के क्वालिफिकेशन मैच में बहरीन के पहलवान को 3-2 से हराया। इसके बाद अगले मुकाबले में इंडोनिशिया के पहलवान को 11-0 से मात दी। अगले मुकाबले में जापान के शोता शिराई को दीपक ने 7-3 से हराने में कामयाबी पाई।
सेमीफाइनल में दीपक ने उजबेकिस्तान के जावरेल शापिएव को नजदीकी मुकाबले में 4-3 से हराया। लेकिन फाइनल में उनके सामने ईरान के हसन थे जिन्होंने 2016 ओलंपिक में गोल्ड और 2020 टोक्यो ओलंपिक में सिल्वर जीता था। यही नहीं, दीपक हसन को अपना आदर्श भी मानते हैं। हसन ने फाइनल मैच टेक्निकल सुपिरियोरिटी के आधार पर 10-0 से जीत लिया।
शनिवार के दिन कुश्ती की स्पर्धाओं में भारत के तीन अन्य पहलवान भी उतरे थे। 74 किलोग्राम भार वर्ग में यश, 97 किलोग्राम भार वर्ग में विकी और 125 किलोग्राम वेट कैटेगरी में सुमित कुमार पदक जीतने में नाकामयाब रहे।
नहीं आया कोई गोल्ड
इस बार भारत ने कुश्ती के जरिए कुल 5 पदक हासिल किए जिसमें 1 सिल्वर और चार ब्रॉन्ज शामिल हैं। इनमें 4 पदक फ्रीस्टाइल कुश्ती जबकि 1 पदक ग्रीको-रोमन कुश्ती से आया। दीपक पुनिया के सिल्वर के अलावा भारत को सुनील कुमार ने ग्रीको-रोमन कुश्ती के 87 किलोग्राम भार वर्ग का ब्रॉन्ज दिलाया। महिला 53 किलोग्राम भार वर्ग में अंतिम ने भारत को कांस्य पदक दिलाया। 62 किलो भार वर्ग में सोनम ब्रॉन्ज जीतने में कामयाब रहीं तो किरण बिश्नोई ने 76 किलोग्राम वेट कैटेगरी का कांस्य पदक जीता।
भारत को साल 2014 के एशियाड में योगेश्वर दत्त ने पहलवानी इतिहास का पहला गोल्ड मेडल दिलाया था। पिछले एशियन गेम्स में बजरंग पुनिया और विनेश फोगाट को गोल्ड मेडल हासिल हुए थे। ऐसे में इस बार भारतीय कुश्ती दल बिना गोल्ड मेडल लिए वापस आएगा।