भारतीय ओलंपिक संघ की अध्यक्ष और पूर्व एथलीट पीटी ऊषा ने बुधवार को दिल्ली के जंतर-मंतर पर बैठे पहलवानों से मुलाकात की। पिछले 11 दिनों से WFI यानी रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी की मांग को लेकर धरने पर बैठे पहलवानों को पीटी ऊषा ने इंसाफ का भरोसा दिया। लेकिन रात में ही दिल्ली पुलिस के जवानों की ओर से धरने पर बैठे पहलवानों के साथ अभद्रता की गई जिसके वीडियो तेजी से वायरल हो रहे हैं। पुलिस पर दो पहलवानों के सिर पर चोट मारने का आरोप भी लगाया गया है।
गौरतलब है कि कुछ महिला पहलवानों ने बृजभूषण सिंह पर यौन शोषण का आरोप लगाया है और इसी के संबंध में ठोस कार्यवाही की मांग को लेकर बजरंग पुनिया, साक्षी मलिक, वीनेश फोगाट जैसे स्टार पहलवान धरने पर बैठे हैं।
बुधवार दिन में पीटी ऊषा से मुलाकात के बाद बजरंग पुनिया ने बताया कि उन्हें न्याय दिलाने में मदद का आश्वासन दिया गया है। टोक्यो ओलंपिक 2021 में ब्रॉन्ज मेडल हासिल करने वाले पुनिया के मुताबिक पीटी ऊषा से मुलाकात से उन्हें खुशी हुई लेकिन वह तब तक धरना समाप्त नहीं करेंगे जब तक बृजभूषण शरण सिंह जेल में नहीं भेजे जाते।
पीटी ऊषा ने पत्रकारों से बातचीत में बताया कि IOA की ओर से पहले से ही इस मामले में विशेष समिति गठित है। इसके अतिरिक्त भारतीय ओलंपिक संघ में नियमानुसार यौन शोषण के विरुद्ध भी अंदरुनी समिति बनी है, लेकिन पहलवानों ने उस समिति के सम्मुख आने की बजाय सड़क पर उतरते हुए धरना देना सही समझा। हालांकि पीटी ऊषा ने पहलवानों को उचित न्याय का भरोसा भी दिया है।
पहलवानों से मिलने जब पीटी ऊषा धरना स्थल पर पहुंची थी तो कुछ प्रदर्शनकारियों ने उनके साथ अभद्रता की। पीटी ऊषा ने कुछ दिन पहले पहलवानों के धरने को अनुशासनहीनता बताया था और तब भी कहा था कि उन्हें सड़कों पर उतरकर प्रदरशन नहीं करना चाहिए। इसके बाद धरने पर बैठे कई पहलवानों ने उनके बयान की निंदा की। फिलहाल प्रकरण में दिल्ली पुलिस की ओर से बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ दो एफआईआर दर्ज कर जांच की जा रही है।