दुनिया में कुश्ती की गवर्निंग बॉडी के रूप में काम करने वाली यूनाईटेड वर्ल्ड रेसलिंग ने भारतीय कुश्ती संघ यानि रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (WFI) को सस्पेंड कर दिया है। खबरों के मुताबिक इसका मुख्य कारण यह है कि WFI ने निश्चित समय सीमा में अपने चुनाव नहीं करवाए हैं। इस फैसले का असर 16 सितंबर से सर्बिया में आयोजित हो रही विश्व रेसलिंग चैंपियनशिप पर पड़ेगा जहां भारतीय पहलवानों को सस्पेंशन की अवधि के दौरान अपने राष्ट्रीय ध्वज के नीचे खेलने का मौका नहीं मिलेगा।
पिछले कुछ महीनों में देश में पहलवानों और कुश्ती संघों ने काफी कुछ देखा है। पहले पूर्व WFI अध्यक्ष और सासंद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ विनेश फोगाट, बजरंग पुनिया, साक्षी मलिक जैसे पहलवानों ने महिला पहलवानों के यौन शोषण का आरोप लगाते हुए धरना दिया। इसके बाद भारतीय ओलंपिक संघ द्वारा 27 अप्रैल को विशेष समिति बनाई गई थी जिसे अगले 45 दिनों में चुनाव करवाने थे। UWW ने 28 अप्रैल को ही चेतावनी दी थी कि चुनाव नहीं होने की दशा में WFI को सस्पेंड किया जा सकता है।
गौर करने वाली बात यह है कि 11 जुलाई 2023 के दिन भारतीय कुश्ती संघ के चुनाव होने थे लेकिन असम का राज्य स्तरीय कुश्ती संघ इस चुनाव के खिलाफ कोर्ट गया और गुवाहाटी हाई कोर्ट में सुनवाई के कारण चुनाव पर रोक लगानी पड़ी। चुनाव की अगली तारीख 12 अगस्त तय हुई लेकिन इस बार पंजाब और हरियाणा के कुश्ती संघ कोर्ट पहुंच गए। ऐसे में UWW ने लगातार हो रही देरी को गंभीरता से लेते हुए इतना बड़ा फैसला लिया।
सस्पेंशन की खबर आने के बाद देश में हर कोने से तीखी प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। हाल ही में भारतीय पहलवानों ने अंडर-20 विश्व रेसलिंग चैंपियनशिप में बेहतरीन प्रदर्शन किया था लेकिन अब इस सस्पेंशन की खबर के बाद पहलवानों में खासी निराशा है। सर्बिया के बेलग्रेड में 16 सितंबर से होने वाली विश्व चैंपियनशिप में भारतीय पहलवान न्यूट्रल ध्वज के तले खेलेंगे। हालांकि एशियन गेम्स में ऐसा नहीं होगा और पहलवानों को भारतीय ध्वज के तले खेलने का मौका मिलेगा। लेकिन इस पूरे घटनाक्रम ने कुश्ती संघ के चुनावों के संबंध में बरती गई लापरवाही जगजाहिर कर दी है।