भारत की स्टार महिला पहलवान विनेश फोगाट ने रविवार को यूक्रेनियन रेसलर्स एंड कोचेस मेमोरियल के फाइनल में जीत दर्ज करते हुए गोल्ड मेडल हासिल किया। विनेश फोगाट ने महिलाओं के 53 किग्रा वर्ग के फाइनल में बेलारूस की वानेसा कालादंजिसकाया को 10-8 से मात दी। कोरोना वायरस के बाद वापसी करते हुए विनेश ने पहली बार गोल्ड मेडल जीता। विनेश फोगाट पहले ही टोक्यो ओलंपिक का कोटा हासिल कर चुकी हैं। याद दिला दें कि नवंबर 2020 में लॉकडाउन में ढिलाई के बाद विनेश फोगाट यूरोप में ट्रेनिंग कर रही थीं।
वैसे, दुनिया की नंबर-7 वानेसा को मात देना विनेश फोगाट के लिए आसान नहीं था। फाइनल में पहुंचने से पहले विनेश ने क्वार्टर फाइनल और प्री-क्वार्टर फाइनल में दमदार खेल दिखाया था। एशियाई और राष्ट्रमंडल खेलों की गोल्ड मेडलिस्ट विनेश फोगाट ने सेमीफाइनल में रोमानिया की एना ए को 2-0 से पटखनी दी थी।
कोरोना महामारी और लॉकडाउन की वजह से खेल से दूर रहने के बाद विनेश एक साल बाद रिंग में उतरीं थीं। अब फाइनल जीतने के बाद फोगाट 4-7 मार्च तक रोम में होने वाले इस सत्र के पहले रैंकिंग टूर्नामेंट में भाग लेने जाएंगी।
विनेश की फिटनेस पर प्रमुख ध्यान
विनेश फोगाट ने गोल्ड मेडल जीतकर देश का नाम जरूर रोशन किया, लेकिन उनके कोच का कहना है कि विनेश फोगाट को मैच प्रैक्टिस के लिए यह मुकाबले खेलने को कहे गए हैं।
2018 एशियाई गेम्स से पहले विनेश फोगाट के साथ काम शुरू करने वाले अकोस की यह प्राथमिकता रही है। तब विनेश फोगाट का स्टेमिना इसी इंटेनसिटी के साथ छह मिनट करीब का था। अब अभ्यास करके इसमें धीरे-धीरे बदलाव किया गया, जिसमें कम समय के लिए ज्यादा इंटेनसिटी वाले ट्रेनिंग सेशन कराए गए। अब विनेश फोगाट थकने के बावजूद बेहतर इंटेनसिटी के साथ रेसल कर सकती हैं।
कीव से विनेश फोगाट को टूर्नामेंट मोड में लौटने में मदद मिलेगी। विनेश फोगाट की वेट कैटेगरी में टॉप-10 में से तीन अन्य रेसलर्स हिस्सा ले रही हैं। फोगाट को सर्वाधिक रैंकिंग दी गई है। अगले सप्ताह रोम में बेहतर पता चल सकेगा कि वह तकनीक और फिटनेस के मामले में कहां खड़ी हैं।