Rio Olympics 2016, India, Wrestling: भारत के लिए निराशाजनक शुरुआत, रविंद्र खत्री की हार

भारत के लिए रियो ओलंपिक्स से एक के बाद एक निराशाजनक ख़बरें आती जा रही हैं। भारत को कुश्ती में काफ़ी उम्मीदें हैं, जहां भारत के लिए योगेश्वर दत्त और नरसिंह यादव जैसे पहलवान मौजूद हैं। कुश्ती में आज भारत ने अपने अभियान का आग़ाज़ किया, लेकिन पहले ही मैच में हिंदुस्तान के हाथ एक और हार लगी। ग्रेको रोमन 85 किग्रा वर्ग में भारत की दावेदारी की शुरुआत रविंद्र खत्री ने की, जिन्हें पहले ही मैच में हंगरी के लॉरिन्कज़ विक्टर ने 9-0 से करारी शिकस्त दी। इस हार के बाद भी हालांकि रविंद्र के लिए एक उम्मीद ज़िंदा थी, अगर लॉरिन्कस फ़ाइनल में पहुंच जाते तो खत्री के पास रिपाजे के ज़रिए फ़ाइनल में खेलने का मौक़ा होता। आपको याद दिला दें, रिपाजे के ज़रिए ही सुशील कुमार ने 2008 बीजिंग ओलंपिक्स में भारत के लिए कांस्य पदक जीता था। भारतीय पहलवान रविंद्र खत्री को राउंड ऑफ़ 16 में बाय मिला था, जिसके बाद उनका पहला मुक़ाबला क्वार्टफ़ाइनल से ही शुरू हुआ था। रविंद्र खत्री पहली बार ओलंपिक्स में हिस्सा ले रहे थे, उनके लिए हंगरी के पहलवान विक्टर काफ़ी भारी पड़े। सिर्फ़ 3 मिनट में ही इस भारतीय पहलवान को हार का सामना करना पड़ा। नियमानुसार अगर कोई पहलवान अपने विपक्षी पर 8 अंको से ज़्यादा की बढ़त बना लेता है और सामने वाले के पास कोई अंक नहीं होता है, तो बढ़त हासिल किए हुए पहलवान को विजेता घोषित कर दिया जाता है और मुक़ाबला वहीं ख़त्म हो जाता है। भारत के रविंद्र खत्री भी 0-9 से पीछे थे, जिसके बाद रेफ़री ने पहले ही पीरियड में लॉरिन्कज़ विक्टर को विजेता घोषित कर दिया। इसके बाद भी भारतीय पहलवान के पास एक मौक़ा था, वह ये कि हंगरी के पहलवान जिनसे उनकी हार हुई थी वह सारा मैच जीतकर फ़ाइनल में पहुंच जाए। ऐसा होता तो भारतीय पहलवान के पास कांस्य पदक के लिए एक मौक़ा होता। लेकिन सोना फ़ाइनल में हंगरी के पहलवान लॉरिन्कज़ विक्टर हार गए और उनकी हार के साथ ही रविंद्र खत्री का सफ़र रियो ओलंपिक्स में ख़त्म हो गया।